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Cesarean Delivery: जानें क्यों बढ़ रही सिजेरियन डिलीवरी, क्या हैं इसके खतरे, कारण जानकर हैरान रह जाएंगे आप
पीयर-रिव्यू जर्नल BMC प्रेग्नेंसी एंड चाइल्डबर्थ में पब्लिश एक स्टडी रिपोर्ट के अनुसार, सिजेरियन यानी सी-सेक्शन डिलीवरी मां और बच्चे दोनों के लिए ही हानिकारक है. इसकी वजह से कई समस्याएं हो सकती हैं.
Pregnancy Obesity: आजकल नॉर्मल डिलीवरी की बजाय सिजेरियन यानी सी-सेक्शन से बच्चों का जन्म कराया जा रहा है. इसकी संख्या तेजी से बढ़ रही है. सिजेरियन डिलीवरी मां और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक है. सी-सेक्शन डिलिवरी उन महिलाओं के लिए अच्छा विकल्प होता है, जिन्हें किसी कारण से नॉर्मल डिलिवरी या नेचुरल तरीके से बच्चे के जन्म में समस्या होती है. इसलिए सिजेरिएन की बजाय नॉर्मल डिलीवरी करवानी चाहिए. इसे लेकर IIT मद्रास ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. आइए जानते हैं सिजेरिएन डिलीवरी को लेकर आईआईटी मद्रास की स्टडी और साइड इफेक्ट्स के बारें में...
सिजेरियन डिलीवरी को लेकर रिपोर्ट
भारत में सी सेक्शन यानी सिजेरियन से डिलीवरी अब तेजी से बढ़ रही है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास (IIT Madras) की एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि पिछले 5 से 8 सालं में देश सिजेरियन (Cesarean) की मदद से बच्चों का जन्म काफी ज्यादा बढ़ा है. स्टडी में बताया गया है कि साल 2016 से 2021 तक देश में सिजेरियन सेक्शन से डिलीवरी में इजाफा हुआ है. 2016 में जहां इसकी संख्या 17.2 परसेंट थी तो 2021 में बढ़कर 21.5% तक पहुंच गई. पीयर-रिव्यू जर्नल BMC प्रेग्नेंसी एंड चाइल्डबर्थ में पब्लिश इस स्टडी में बताया गया है कि सिजेरियन सेक्शन डिलीवरी के लिए जरूरी नहीं है. यह मां और बच्चे दोनों के लिए किसी खतरे से कम नहीं है.
सिजेरियन डिलीवरी के रिस्क
1. जन्म के दौरान प्रेगनेंट महिला में इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है.
2. यूटरस यानी गर्भाशय में ब्लीडिंग हो सकती है.
3. बच्चे को सांस से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं.
4. हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) का रिस्क
सी-सेक्शन क्यों बढ़ रहे हैं
IIT मद्रास के मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग (Department of Humanities and Social Sciences) के प्रोफेसर वीआर मुरलीधरन ने कहा, छत्तीसगढ़ में जो लोग गरीब नहीं थे, उनमें सिजेरियन का ऑप्शन ज्यादा चुना, वहीं तमिलनाडु के प्राइवेट हॉस्पिटल्स में गरीबों के सी-सेक्शन कराने के मामले ज्यादा मिले. शोध टीम का कहना है कि सी -सेक्शन डिलीवरी में बढ़ोतरी का कारण सही तरह की जानकारी का अभाव है. इस स्टडी में पाया गया कि प्रेगनेंसी में ज्यादा वजन और अधिक उम्र (35-49 साल) की महिलाओं में सिजेरियन डिलीवरी दोगुनी थी. बता दें कि यह स्टडी 2015-2016 और 2019-21 के NFHS के आंकड़ों पर बेस्ड है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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