'डेली मेल' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक एपिलेप्सी यानी मिर्गी की बीमारी वाली महिला अगर प्रेग्नेंट होती है तो वह दूसरी बीमारियों के मुकाबले 47 प्रतिशत तक ज्यादा डरी हुई रहती है. इसके पीछे का कारण यह है कि इस बीमारी की जो महिला दवा लेती है उनके बच्चे में जन्मजात डिफेक्ट्स की संभावना होती है.


प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को इन बातों का लगता है डर


यह डर महिला में 62 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. अब डॉक्टर को जैसे ही पता चलता है कि महिला को मिर्गी की बीमारी है तो शुरुआत से ही महिला का अच्छे तरीके से इलाज करते हैं उन्हें दवाइयों का डोज कम कर देते हैं. डॉक्टरों को अगर बीमारी का पता पहले चल जाता है तो वह इस बीमारी का इलाज पहले से ही करने लगते हैं ताकि बच्चे यह सभी बीमारी से सुरक्षित रह सके. 


इस वक्त उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ रही है. तेज गर्मी के कारण कई सारी बीमारियों का खतरा रहता है. इस मौसम में लू लगने के साथ-साथ डिहाइड्रेशन का खतरा काफी ज्यादा रहता है. खासकर प्रेग्नेंट महिलाओं को इस मौसम में अपना खास ख्याल रखने की जरूरत होती है.


महिलाओं को इस मौसम में अक्सर डर सताता है कि शरीर में पानी की कमी न हो जाए. या अचानक से गर्मी के कारण कहीं हेल्थ न बिगड़ने लगे. इन सब के अलावा गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी गर्मी का बुरा असर पड़ता है. 


गर्मियों में महिला को खूब पानी पीना चाहिए. साथ ही साथ फल और ताजा जूस पीना चाहिए. महिलाओं को दही, छाछ तो जरूर अपनी डाइट में शामिल करनी चाहिए. यह शरीर को ठंडा रखने का काम करती है. इन सब के अलावा भरपूर सलाद खाना चाहिए. गर्मियों में अगर बाहर निकलती हैं खुद को अच्छी तरह से ढककर निकलें. 


शरीर में पानी की कमी के कारण हॉट फ्लैश और प्रीटर्म डिलीवरी के चांसेस बढ़ जाते हैं. काफी गर्मी पड़ने के कारण हाइपरटेंशन, हार्ट रेट में बढ़ोतरी होने लगती है. सिर्फ इतना ही नहीं हार्ट बीट तेज होने के साथ-साथ चक्कर और बेहोशी का खतरा भी रहता है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए महिला को अपनी खास देखभाल की जरूरत होती है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 


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