प्रेग्नेंसी को लेकर कई सारी मिथ हमारे समाज में होती है. जिसे हम आंख बंद करके विश्वास करते हैं. आपने अगर ध्यान दिया होगा कि नानी-दादी के समय से कुछ बातें ऐसी-ऐसी कही जाती है या बचपन से ही हमें सिखाया जाता है कि हमें भी लगता है कि अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो ऐसा हो जाएगा. सिर्फ इतना ही नहीं इन बातों को लॉजिक के साथ हमें बताया जाता है.


इस तरीके से हमारे सामने इन मिथक चीजों को पेश की जाती है जिसके कारण हम उन्हें सच मानने लगते हैं. आज हम उन्हीं में से एक मिथ की चर्चा यहां करेंगे. आज बात करेंगे क्या प्रेग्नेंसी के दौरान खूबसूरती कम होने के पीछे क्या है कारण? अब सवाल यह उठता है कि क्या सच में ऐसा होता है? दरअसल, एबीपी लाइव हिंदी ने 'मिथ vs फैक्ट्स' को लेकर एक सीरिज शुरू किया है. इस सीरिज के जरिए प्रेग्नेंसी को लेकर समाज में जितने भी मिथ है. जिसे लोग सच समझकर फॉलो करते हैं हम उनका लॉजिकल तरीके से जवाब देने की कोशिश करेंगे. 


Facts Check: मिथक के अनुसार जब गर्भ में लड़का होता है तो बच्चा मां की खूबसूरती चुरा लेती हैं. इसके विपरीत जब गर्भ में लड़की होती है तो मां की खूबसूरती बढ़ जाती है. तो वह अपने गर्भ में पल रहे छोटे लड़के को धन्यवाद दे सकती है. बेशक इस मामले की सच्चाई यह है कि सुबह की बीमारी बदलते हार्मोन स्तर और बढ़ते हुए पेट के कारण कई गर्भवती महिलाएं थक जाती हैं और उन्हें मुंहासे की समस्या हो जाती है. खासकर पहली तिमाही में. इसलिए, सुंदरता के चरम पर, गर्भवती महिलाएं आम तौर पर नहीं होती हैं. और यह इस बात पर निर्भर नहीं करता कि बच्चा लड़की है या लड़का.


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गर्भावस्था के दौरान, त्वचा और बालों में बदलाव आने की वजह हार्मोन का स्तर बदलना होता है. इसलिए, यह कहना कि गर्भ में लड़का हो तो त्वचा अच्छी रहेगी और लड़की हो तो त्वचा खराब हो जाएगी. ग़लत है. हार्मोनल बदलाव की वजह से त्वचा साफ़ और बाल सुंदर भी हो सकते हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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