सोशल मीडिया पर सास-बहू, मां-बेटी के कई मिम्स वायरल होते हैं. जिसमें सास अपनी बहू या मां अपनी बेटी से कहती हैं कि हमारे जमाने में प्रेग्नेंसी के वक्त भी महिला घर का सारा काम खाना बनाने से लेकर झाड़ू बैठकर पोछा तक अकेली करती थीं. ऐसे कई सारे वीडियो वायरल होते हैं . जिसमें बुजुर्ग महिला बेटी या बहू को समझा रही हैं कि आजकल महिला घर के काम करना पसंद नहीं करती हैं इसलिए सी-सेक्शन के जरिए बच्चा होता है. घर की दादी-नानी, मां को कहते सुना होगा कि प्रेग्नेंसी के दौरान खूब काम करना चाहिए, झाड़ू-पोछा या घर में खूब काम करना चाहिए इससे नॉर्मल डिलीवरी होती है. जो लोग काम नहीं करते हैं उन्हें डिलीवरी के वक्त कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.  


यह कोई नई बात नहीं है हम ऐसी बातें अक्सर अपने घर परिवार और आसपास के लोगों को बोलते कभी न कभी सुना होगा. यह बाते दशकों से चली आ रही है.सिर्फ प्रेग्नेंसी को लेकर ही नहीं ऐसी कई सारी बातें हैं जिन्हें लेकर अक्सर लोग बोलते हैं. 'एबीपी लाइव हिंदी' ने ऐसी बातों को लेकर एक खास सीरीज शुरू किया है. दरअसल,  हमारे भारतीय समाज में ऐसी कई बातें हैं जिसके पीछे कोई लॉजिक नहीं है लेकिन उससे सच मानकर लोग आंख बंद करके फॉलो करते हैं. सबसे हैरानी की बात यह है कि बातें मिथ होते हुए भी यह सच्चाई पर भारी पड़ती है . ऐसी बातों को लेकर 'एबीपी लाइव हिंदी' की खास पेशकश है Myth Vs Facts.  'Myth Vs Facts सीरीज' की कोशिश है कि आपको दकियानूसी बातों की दलदल से निकालकर आपतक सच्चाई पहुंचाना.


Fact Check: प्रेग्नेंसी के दौरान घर के काम झाड़ू-पोछा करने से नॉर्मिल डिलीवरी हो जाती है?


आज हमारा सवाल है कि प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा काम करने से या एक्सरसाइज करे से नॉर्मल डिलीवरी हो जाती है? चलिए चो जानें क्या इसकी पीछे की सच्चाई. अक्सर एक बात कही जाती है कि एक महिला पूर्ण तब होती है जब वह मां बनती है. मां बनने की पूरी जर्नी अपने आप में बेहद अनोखी होती है. एक महिला के शरीर में कई सारे हार्मोनल चेंजेज होते हैं. जिसके कारण शरीर में कई सारे चेंजेज होते हैं.


प्रेग्नेंसी के दौरान एक महिला शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के बदलाव से गुजरती है. शुरुआत के 4-5 महीने का वक्त ठीक-ठाक कट जाता है लेकिन आखिरी के कुछ महीने मुश्किल से भरे होते हैं. अक्सर महिलाओं को सताती है कि नॉर्मल डिलीवरी होगी या नहीं कही सी -सेक्शन न करवाना पड़े. डॉक्टर भी आखिर के कुछ महीने में एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं लेकिन घर के कामकाज करना चाहिए या नहीं इस पर हम विस्तार से बात करेंगे. 


प्रेग्नेंसी के दौरान वॉक करना अच्छा माना जाता है लेकिन एक्सरसाइज करने के लिए आप किसी तरह के मशीन का इस्तेमाल न करें. प्रेग्नेंसी के दौरान पैदल चलना चाहिए यह हेल्थ के लिए बहुत अच्छा होता है. वॉक एक कार्डियोवस्कुलर एक्सरसाइज है, जो शरीर को प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली मॉर्निंग सिकनेस, कब्ज और उल्टी की शिकायत हो दूरी करती है. 


बैठकर पोछा लगाना है खतरनाक


अक्सर लोग कहते हैं बैठकरप पोछा लगाने से नॉर्मल डिलीवरी हो जाती है. आपको बता दें कि यह पूरी तरह से मिथ है . हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं प्रेग्नेंसी के आखिरी महीने में बैठकर पोछा बिल्कुल भी नहीं लगाना चाहिए. क्योंकि आठवें महीने के बाद बच्चे का सिर पेल्विक में आने लगता है.


बैठकर पोछा और झाड़ू लगाने के बदले एक्सरसाइज करें


प्रेग्नेंसी में बैठकर पोछा और झाड़ू लगाने से अच्छा एक्सरसाइज करना अच्छा होता है.  हेल्दी प्रेगनेंसी और सेफ डिलिवरी के लिए एक्सरसाइज फायदेमंद हो सकती है. लेकिन ज्यादा वर्कआउट सही नहीं हैं. आसान से एक्सरसाइज कर सकते हैं. इसलिए आप वॉक और अनुलोम विलोम प्राणायाम कर सकते हैं. 


प्रेग्नेंंसी के दौरान शरीर को एक्टिव रखने के लिए यह काम करें


प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर को एक्टिव रखना है तो डॉक्टर्स के बताए हुए एक्सरसाइज जरूर करें. आपके लिए सबसे अच्छा होगा कि आप वॉक करें. लेकिन आप खुद से या किसी दूसरे के कहने पर कोई सा भी एक्सरसाइज शुरू न करें. इससे गर्भ में पल रहे शिशू पर बुरा असर पड़ता है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.