In vitro fertilization (IVF): फर्टिलिटी का कम होना आज के समय में एक सामान्य बात बनती जा रही है. ज्यादातर युवा कपल इस समस्या का सामना कर रहे हैं. इसके कई कारणों में से कुछ कारण लाइफस्टाइल (Lifestyle) से जुड़े हैं, जिन्हें आप एक हेल्दी रुटीन (Healthy routin) को फॉलो करते हुए दूर कर सकते हैं. यानी महिला और पुरुष दोनों की फर्टिलिटी (Fertility) बढ़ाने में ये सामान्य चीजें बहुत लाभकारी हैं. जैसे... 



  • देर रात तक जागना और अपनी बायॉलजिकल क्लॉक को गड़बड़ा लेना

  • वजन बढ़ना

  • अधिक उम्र में शादी करना

  • एल्कोहॉल का अधिक सेवन

  • स्मोकिंग की लत


किस उम्र के बाद कम होती है फर्टिलिटी?


महिलाओं के शरीर में 35 की उम्र के बाद एग का बनना कम हो जाता है. जबकि पुरुषों में 50 साल की उम्र के बाद शुक्राणुओं की गुणवत्ता कम हो जाती है.


कब कराना चाहिए आईवीएफ?



  • जब आप किसी फर्टिलिटी क्लीनिक में जाते हैं तो जाते ही आपको आईवीएफ ट्रीटमेंट नहीं दिया जाता. बल्कि सबसे पहले एग की जांच की जाती है और फेलोपियन ट्यूब, गर्भाशय की थैली की जांच की जाती है. यानी महिला के गर्भाशय की गहन जांच की जाती है और देखा जाता है कि कोई समस्या तो नहीं है. इसके बाद पुरुष के शुक्राणुओं की जांच की जाती है और उनकी क्वालिटी का स्तर जांचा जाता है.

  • इन दोनों की जांच के बाद यह देखा जाता है कि क्या इस समस्या को दवाओं से ठीक किया जा सकता है या नहीं किया जा सकता. दवाओं से ठीक होने की संभावना होती है तो दवाई दी जाती है और यदि ऐसा नहीं होता है तो इंट्रा यूरेटाइन इनसेमिनेशन (IUI) तकनीक के माध्यम से पति के शुक्राणओं को पत्नी के गर्भाशय में रखते हैं. ताकि भ्रूण के बनने की प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके. यदि सफलता मिल जाती है तो ठीक है और यदि सफलता नहीं मिलती है तब अंतिम विकल्प के रूप में आईवीएफ तकनीक का उपयोग किया जाता है.


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 


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