प्रेग्नेंसी का पूरा नौ महीने का सफर एक महिला के लिए काफी ज्यादा उतार-चढ़ाव से भरपूर होता है. इस दौरान शरीर में कई तरह के हार्मोनल चेंजेज होते हैं. इन हार्मोनल चेंजेज के कारण कई तरह की क्रेविंग भी हो सकती है. ऐसी ही चीजों को लेकर एक मिथ है कि अगर किसी गर्भवती महिला को साबुन की गंध या मिट्टी की खुशबू काफी ज्यादा आती है तो यह लड़का होने के संकेत हो सकते हैं? हमें किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाएंगे. लेकिन एबीपी लाइव हिंदी की स्पेशल सीरीज मिथ और फैक्ट के जरिए हम आप तक सच्चाई पहुंचाने की कोशिश करेंगे. 


हमने इस मामले पर कई रिसर्च पेपर देखें. जिसके मुताबिक अगर किसी महिला को प्रेग्नेंसी या ऐसे भी मिट्टी या कपड़े धोने का डिटर्जेंट जैसी चीजों की तलब हो रही है तो शरीर में आयरन की भारी कमी है. इसे पिका नामक स्थिति कहते हैं. जिसमें आयरन की कमी होती है. 


आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया में पिका हो सकता है.
अगर किसी व्यक्ति में पिका के लक्षणों को देखना है तो उसके बॉडी लैंग्वेज से आप पकड़ सकते हैं. बर्फ़, चाक, पेंट, मिट्टी, या स्टार्च जैसी चीजों को खाने का मन करें तो व्यक्ति को पिका की बीमारी है.  आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया के अन्य लक्षणों में थकान, कमज़ोरी, पीलापन, सांस फूलना, चक्कर आना, और रेस्टलेस लेग सिंड्रोम शामिल हैं.


आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं. आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया का इलाज प्राकृतिक रूप से किया जा सकता है. इसके लिए आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए. 


आयरन की कमी को पूरी करने के लिए आपको अपनी डाइट में पालक, बीन्स, फ़ोर्टिफ़ाइड अनाज, और लीन मीट जैसे आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए. 


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आयरन के अवशोषण के लिए विटामिन सी स्रोतों के साथ इन खाद्य पदार्थों को मिलाना चाहिए. कॉफ़ी, चाय, और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए.


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प्रेग्नेंसी के दौरान आयरन की कमी होने के चांसेस काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं. इसलिए अक्सर गर्भवती महिला को अपनी खानपान का खास ख्याल रखने के लिए कहा जाता है. ताकि उनके शरीर में खून की कमी न हो. क्योंकि इसके कारण बच्चे को भी कई तरह की गंभीर बीमारी हो सकती है. 


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