LIver Damage: लिवर बॉडी का इंपोर्टेंट पार्ट है. यह ब्लड में मौजूद कैमिकल्स को नियंत्रित करने का काम करता है. लिवर मेें मौजूद अपशिष्ट पदार्थाें को बाहर निकालने के लिए पित्त नामक पदार्थ बनाता है. यह बॉडी के लिए जरूरी प्रोटीन बनाता है. इसके अलावा आयरन स्टोर करने काम करता है और पोषक तत्वों को ऊर्जा में बदलता है. यह महत्वपूर्ण पार्ट काम करना बंद कर दे या फिर कम कर दे तो पूरी बॉडी डिस्टर्ब हो जाती है. लिवर भी अन्य पार्ट की तरह सिग्नल देता है. उन्हें पहचानकर समय पर इसका इलाज जरूरी है.
इन तीन लक्षणों को पहचानिए
फैटी लीवर होना इसके बीमार होने का इंडीकेशन है. ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर इलाज कराने को कहते हैं. प्राइमरी 3 लक्षणों से लिवर यही बताने की कोशिश करता है कि तुरंत जांच कराइए. इनमें भ्रम की स्थिति होना, थकान और सही ढंग से न बोल पाना शामिल है. इस कंडीशन को हेपेटिक एन्सेफेलोपैथी भी कहा जाता है. यह लीवर सिरोसिस के लक्षण हैं. इसके अलावा, पेट में पानी भर सकता है, नसों में सूजन हो सकती है. कई बार परेशानी बढ़ने पर लिवर कैंसर या फिर पूरी तरह लीवर फेल होेने की समस्या बन जाती है.
इसलिए भी खतरनाक है फैटी लीवर
डॉक्टरों का कहना है कि फैटी लीवर की बीमारी गैर-अल्कोहल स्टीटोहेपेटाइटिस का कारण भी बन सकती है. इलाज न मिलने पर लिवर सिरोसिस होने की संभावना भी बढ़ जाती है. लिवर में किसी तरह का जख्म होने पर भी सिरोसिस हो जाती है. यदि लिवर सूजन को रोकने की कोशिश करता है तो वह फाइब्रोसिस का प्रॉडक्शन करता है.
यह Symptoms भी देखने को मिलते हैं
पेट में सूजन, त्वचा की सतह के ठीक नीचे उभरी हुई ब्लड वेसेल्स, लीवर में प्लीहा का बढ़ जाना, लाल हथेलियां, त्वचा, आंख, नाखून का पीला पड़ना, यूरिन भी पीला आने लगता है.
तुरंत इलाज कराइए
मोटापा, मधुमेह टाइप 2, अंडरएक्टिव थायराइड होना, इंसुलिन प्रतिरोधी होना, हाई ब्लड प्रेशर होना, 50 साल से अधिक उम्र होने पर, स्मोकिंग करने वालों को इस बीमारी का होने का खतरा अधिक होता है. इससे बचने के लिए फल, सब्जी, साबुत अनाज और हेल्दी फैट से भरपूर खाना खाएं. योग और व्यायाम करें. परेशानी अधिक हो रही है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.