Prostate Cancer: भारत में लाइफस्टाइल में हो रहे बदलाव और बढ़ते मोटापे के कारण कैंसर का खतरा बढ़ता जा रहा है. भारत में प्रोस्टेट कैंसर प्रमुख कैंसर में से एक है. माना जाता है कि हर साल कई लोग इसकी चपेट में आते हैं. अब सवाल है कि आखिर ये प्रोस्टेट कैंसर क्या है और किस वजह से होता है. साथ ही ये भी जानना जरूरी है कि जब भी इस कैंसर की शुरुआत होती है तो शरीर में किस तरह के बदलाव होते हैं और किन दिक्कतों से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है, ताकि समय पर इलाज हो सके.
क्या है प्रोस्टेट कैंसर?
प्रोस्टेट एक मेल रिप्रोडक्टिव ऑरगन है. ये यूरिन ब्लेडर के पास पाया जाता है जो स्पर्म के पोषण और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार द्रव को स्रावित करता है और प्रोस्टेट ग्लेंड में सेल्स के अनकंट्रोल डेवलपमेंट की वजह से प्रोसटेट कैंसर होता है. बुजुर्ग पुरुषों में ये कैंसर आम है, जिसमें 8 पुरुषों में से 1 व्यक्ति की जान जाने का खतरा रहता है और बढ़ती उम्र के साथ जोखिम बढ़ता जाता है. प्रोस्टेट कैंसर होने की औसत आयु 69-70 साल है. ये दूसरे कैंसर से अलग होता है. कहा जाता है कि प्रोस्टेट कैंसर बहुत सुस्त है.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोस्टेट कैंसर का पता रेगुलर स्क्रीनिंग के जरिए किया जा सकता है. प्रोस्टेट कैंसर के आम लक्षणों में पेशाब में दिक्कत होना और पीठ में दर्द आदि शामिल हैं. इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि प्रोस्टेट कैंसर के लिए कोई स्पेशल लाइफस्टाइल वजह नहीं हैं. हालांकि कैल्शियम और डेयरी प्रोडक्ट में बढ़ोतरी से खतरा बढ़ सकता है. इसका धूम्रपान से कोई सीधा संबंध नहीं है.
कैसे होता है प्रोस्टेट कैंसर का इलाज?
एक तो सर्जरी के जरिए इसका इलाज किया जा सकता है, जिसमें प्रोस्टेट और आसपास के लिम्फ नोड्स को हटाया जाता है. प्रोस्टेट कैंसर के लिए रेडियेशन थेरिपी भी एक इलाज है. टारगेट कैंसर सेल्स को मारने के लिए हाई एनर्जी एक्स रे का प्रायोग किया जाता हैं, जिसमें ईबीआरटी और ब्रेकीथेरेपी शामिल हैं. इसके साथ ही बीमारी के कुछ मामलों का इलाज करने के लिए कैंसर सेल्स को जमा किया जाता है और मार दिया जाता है. इसके अलावा कैंसर सेल्स को टार्गेट बनाकर इलाज किया जाता है.
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