Cause And Symptoms Of Rickets Disease: हमारा भविष्य कमजोर हो रहा है क्योंकि हमारे बच्चे कमजोर हो रहे हैं. पहले शारीरिक गतिविधियों (Physical Activities) की कमी के चलते हमारे शरीर हमारी पीढ़ी पुरानी पीढ़ी की तुलना में काफी कमरोज हुए और अब धूप की कमी हमारे बच्चों की हड्डियां गला रही है (Weak bones in child). शरीर की जरूरत के हिसाब से धूप ना मिल पाने के कारण बच्चों की हड्डियां कमजोर होकर मुलायम हो रही हैं. साथ में रिकेट्स (सूखा रोग) नामक रोग भी बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है.
उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर स्थित जीवीएम मेडिकल कॉलेज के ऑर्थो विभाग में तीन साल तक चली एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि छोटे बच्चों की हड्डियां तेजी से कमजोर हो रही हैं. शोध में रिकेट्स से प्रभावित 270 बच्चों को शामिल किया गया. इन सभी बच्चों की उम्र 7 से 15 साल के बीच रही. प्राइमरी एग्जामिनेशन और बच्चों को हो रही समस्याओं का रेकॉर्ड रखने के बाद 56 बच्चों को प्रयोग के तौर पर हर दिन सुबह 10 से 11 बजे के बीच आधा घंटा धूप में खेलने का अवसर दिया गया और 45 दिन में इसका बहुत ही सकारात्मक परिणाम सामने आया. क्योंकि बच्चों की मांसपेशियों में हो रहे दर्द में काफी हद तक कमी दर्ज की गई.
क्या है रिकेट्स या सूखा रोग?
रिकेट्स यानी सूखा रोग ऐसी बीमारी है जो छोटे बच्चों में होती है और इसके कारण बच्चों की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. उनकी हाइट ठीक से नहीं बढ़ पाती, वे शारीरिक रूप से कमजोर रह जाते हैं. साथ ही बच्चे इन समस्याओं का भी सामना करते हैं...
- मांसपेशियों में दर्द रहना
- हाथ-पैर टेढे़ होना
- लंबाई अच्छी तरह नहीं बढ़ पाना
- चलते समय घुटने की हड्डियां आपस में टकराना
क्यों होता है सूखा रोग?
सूखा रोग को लंबे समय तक कुपोषण से होने वाली बीमारी माना जाता रहा है. हालांकि अब इस विषय पर चर्चा तेज हो गई है और डॉक्टर्स इसे कुपोषण संबंधी नहीं बल्कि धूप की कमी से होने वाली बीमारी मानते हैं. सूखा रोग होने के कई कारण हैं...
- जो बच्चे लंबे समय तक घरों में बंद रहते हैं उन्हे यह रोग हो जाता है.
- सूरज की रोशनी में नहीं खेलने से हड्डियां कमजोर होती हैं और रिकेट्स हो जाता है
- सूरज की रोशनी ना मिलने से बच्चों के शरीर में विटामिन-डी की कमी हो जाती है
- फ्लैट कल्चर ने बच्चों में इस रोग को अधिक बढ़ाने का काम किया है, इनमें ना धूप मिलती है ना खेलने का स्पेस.
पैरंट्स कर रहे ये गलती
बच्चों में कमजोरी और थकान के बारे में जानकर साथ ही यह जानकर कि बच्चे को धूप नहीं मिल पाती है, कई पैरंट्स बिना डॉक्टर की सलाह लिए अपने बच्चों को विटामिन-डी की डोज दे रहे हैं. ऐसा करना बच्चों को फायदे से अधिक नुकसान दे रहा है और बच्चे विटामिनोसिस-डी के शिकार हो रहे हैं. इसलिए अगर आप इस बात के महत्व को समझते हैं कि बच्चे के शरीर के लिए धूप जरूरी है और शरीर के विकास के लिए विटामिन-डी चाहिए तो यह अच्छी बात है. लेकिन इनका सेवन डॉक्टर की सलाह के बाद ही बच्चे को कराएं.
स्टडी में सामने आए डराने वाले फैक्ट्स
रिकेट्स के शिकार 270 बच्चों में से 47 प्रतिशत बच्चों की हड्डियां इतनी कमजोर हो गई कि उनकी टांगे शरीर का वजन उठते समय सीधी रहने के वजाय कर्व लेने लगीं.
जबकि 53 प्रतिशत बच्चों में मांसपेशियां कमजोर पाई गई और इनका मेरुदंड (रीढ़ की हड्डी) में असामान्य टेढ़ापन देखा गया.
जबकि रिकेट्स के शिकार 93 प्रतिशत बच्चों में कलाई, घुटने और एड़ी के जोड़ों के पास की हड्डियां जरूरत से ज्यादा मोटी पाई गईं. इस लक्षण को रिकेट्स के प्राथमिक लक्षण के तौर पर रिकॉर्ड किया गया है.
कोरोना ने और भी बिगाड़ी हालत
कोरोना के बाद स्थिति और भी बद्तर हुई है. एक्सपर्ट्स की मानें तो कोविड काल के बाद ऐसे बच्चों की संख्या में तीन गुना तक वृद्धि हुई है, जिन्हें रिकेट्स, हड्डियां कमजोर होना और मांसपेशियों में दर्द की शिकायत की समस्या हो रही है.
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