हालिया रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में सोराइसिस के तीन फीसदी आबादी यानि करीब 12.50 करोड़ लोग पीड़ित हैं. दरअसल, यह बीमारी इम्युनिटी में गड़बड़ी के कारण सोराइसिस की बीमारी होती है. इस बीमारी का कास्मेटिक या स्किन संबंधी बीमारी से कोई संबंध नहीं है. हालांकि इस बीमारी के होने के बाद दूसरी कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. 


सोराइसिस की बीमारी अक्सर स्किन इंफेक्शन और कॉस्मेटिक प्रॉब्लम की वजह से माना जाता है. इसका आसानी से इलाज संभव है. लेकिन सोराइसिस इससे बिल्कुल अलग होत होता है. जब किसी व्यक्ति की इम्यूट सिस्टम में गड़बड़ी होती तभी यह बीमारी हमला करती है. इस बीमारी में स्किन सूखने लगता है और चकत्ते पड़ने लगते हैं. 


सोराइसिस के लक्षण


हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक सोराइसिस की बीमारी दूसरी स्किन बीमारी से बिल्कुल अलग होती है. इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी के कारण सोराइसिस जैसी बीमारी होती है. सोराइसिस की बीमारी में बॉडी के अर्गन में खुजली होने लगता है. सोराइसिस की बीमारी में स्किन पर लाल-लाल धब्बे और चकत्ते हो जाते हैं. सोराइसिस का कोई खास इलाज नहीं है. 


हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक सोराइसिस के बीमारी को लेकर ज्यादातर लोग जागरूक नहीं है. इस बीमारी के इलाज में कई रुकावट आती है. शरीर पर होने वाले दूसरी स्किन बीमारी का इलाज है लेकिन सोराइसिस का खास कोई इलाज नहीं है. 


सोरायसिस के कारण क्या हैं?


इम्म्यून सिस्टम: हमारी इम्युनिटी बैक्टीरिया और इंफेक्शन से लड़ने में हमारे शरीर में मदद करती है. ऐसे में हमारा इम्यून सिस्टम ओवरएक्टिव होकर काम करता है. 


हार्मोनल चेंजेज


प्यूबर्टी और मेनोपॉज


प्यूबर्टी और मेनोपॉज के दौरान भी स्किन पर इस तरह की दिक्कतें देखी जा सकती है. प्रेग्नेंट औरत को इस तरह की समस्या होने के चांसेस अक्सर रहते हैं. डिलीवरी के बाद भी ऐसा खतरा बना रहता है. 


शराब


जो लोग अक्सर शराब पीते हैं या जिन्हें शराब पीने की लत है तो ऐसे लोगों में भी सोरायसिस का खतरा बना रहता है. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


ये भी पढ़ें: वो कौन-कौन सी बीमारी हैं जिसमें होम्योपैथी की दवा इतनी असरदार होती है जितनी एलोपैथी की भी नहीं