सिडनीः जो बच्चे ऐसी आवाजें सुनते हैं या ऐसी चीजें देखते हैं, जो अन्य लोग नहीं देख सकते, उनमें आत्महत्या करने का खतरा सामान्य बच्चों से पांच गुना अधिक होता है. शोधकर्ताओं ने यह पता लगाया है.
क्या कहती है रिसर्च-
इस शोध में कहा गया कि अन्य लोग भी जो सामान्यत: स्वस्थ हैं, लेकिन उन्हें कभी-कभार मतिभ्रम या भ्रम हो जाता है, उनमें भी आत्महत्या करने की प्रवृत्ति दो गुना तक अधिक होती है.
क्या कहते हैं शोधकर्ता-
ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड के प्रोफेसर जॉन मैक्ग्रेथ ने बताया कि 12 साल से कम उम्र के उन बच्चों में सुसाइड करने का विचार पांच से छह गुना अधिक होता है, जो मनोविकृति के शिकार होते हैं.
कैसे की रिसर्च-
शोध दल ने सामान्य आबादी में मनोवैज्ञानिक अनुभव और आत्महत्या के जोखिम के बीच के संबंधों की जांच की और इसमें 19 देशों के 33,000 लोगों को शामिल किया.
रिसर्च के नतीजे-
इस शोध में डिप्रेशन, टेंशन और सिजोफ्रेनिया से ग्रसित लोगों को शामिल नहीं किया गया. इसके अलावा शामिल किए गए लोगों में मनोवैज्ञानिक विकार अपेक्षा से कही अधिक आम पाया गया. 20 में से एक व्यक्ति ने अपने जीवन के किसी न किसी मोड़ पर मनोवैज्ञानिक विकार का अनुभव किया है.
यह शोध जेएएमए साइकैट्री पत्रिका में प्रकाशित किया गया है.
नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.