(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
QR Code On Medicine: आपकी खरीदी हुई दवा असली है या नकली? 300 दवा ब्रांडों पर अब लगा आएगा QR कोड
QR code: दवा नियामक प्राधिकरण ( Drug Pricing Authority) ने 300 ऐसी दवाओं को शॉर्टलिस्ट किया है जिन पर अब QR छपा होना जरूरी होगा. इससे दवाओं की ब्रिकी और कीमत में पारदर्शिता आएगी.
Government Shortlisted 300 Drugs for QR Code: दवा नियामक प्राधिकरण ने 300 दवाओं की लिस्ट तैयार करके स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को भेजी है जिन पर QR कोड लगेगा. इस नियम मे दवाओं की बिक्री और प्राइसिंग में पारदर्शिता आयेगी और उनकी कालाबाजारी कम होगी. इन दवाओं में पेन रिलीफ, विटामिन्स के सप्लीमेंट, ब्लड प्रेशर, शुगर और कॉन्ट्रासेप्टिव की दवाओं को शामिल किया गया है.
नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग ऑथॉरिटी ने इसमें बड़े ब्रांड जैसे डोलो (Dolo), सैरिडॉन (Saridon), फैबीफ्लू (Fabiflu), इकोस्पिरिन (Ecosprin), लिम्सी (Limcee), सुमो (Sumo), कैलपोल (Calpol), कॉरेक्स सीरप (Corex syrup), अनवांटेड(Unwanted 72) और थाइरोनॉर्म (Thyronorm) जैसे बड़े ब्रांड शामिल हैं. ये सभी दवाएं बहुत पॉपुलर हैं और बुखार, सिरदर्द, वायरल, विटामिन डेफिसिएंसी, खांसी, थाइरॉइड और कॉन्ट्रॉसेप्टिव के लिये दी जाती हैं. इन दवाओं का चयन मार्केट रिसर्च के अनुसार इनके सालभर के टर्नओवर पर किया गया है. इन दवाओं की एक लिस्ट स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भेजी गयी है ताकि इनको QR कोड के अंडर लाने के लिये जो जरूरी प्रावधान और संशोधन हैं वो किये जा सकें.
एक सीनियर सरकारी ऑफिसर के मुताबिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मार्च में डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्यूटिकल से 300 दवाओं की लिस्ट मांगी थी ताकि उनमें QR लगाने के लिये ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में बदलाव किये जा सके और दवाओं के नियमों में जरूरी बदलाव किये जा सकें.
2011 से दवाओं में QR लागू करने की कोशिश कर रही है सरकार
आपको बता दें सरकार 2011 से दवाओं में QR लागू करने की कोशिश कर रही है और इस साल केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी की थी कि हर एक्टिव एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रीडियेंट यानी बड़े लेवल पर दवाई बनाने वाली कंपनी चाहे वो इंडिया में दवा बनाती हों या बार से इंपोर्ट करती हैं उनके लेबल पर QR यानी क्विक रिस्पॉन्स कोड होना जरूरी है इस QR कोड से उन दवाओं की ट्रैकिंग आसान हो जायेगी.
हालांकि फार्मी इंडस्ट्री के इनसाइडर का कहना है कि छोटे और मीडियम साइज के बिजनेसमैन के लिये पैकेजिंग में ये सब बदलाव करना आसान नहीं होगा. इस काम में काफी मेहनत लगेगी और इस समें पैसा भी ज्यादा खर्च होगा. फार्मा कंपनी और दूसरे लॉबी ग्रुप का ये भी कहना है कि अलग अलग डिपार्टमेंट से दवाओं के ट्रैकिंग और ट्रेसिंग के नियम से परेशानी होती है ऐसे में सिंगल QR कोड सिस्टम ज्यादा सुविधाजनक है.
ये भी पढ़ें: Health Tips: इन 5 ड्राई फ्रूट्स को बनाएं डाइट का हिस्सा, रहेंगे सेहतमंद और पतले
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )