अगर हम आपसे कहें कि किसी महिला ने 5 सालों से पेशाब नहीं किया है तो आप क्या रिएक्शन होगा? बेशक यह सुनकर आप चौंक गए होंगे और सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है. मगर यह कोई मजाक नहीं है, बल्कि सच में एक महिला ने इस गंभीर समस्या का सामना किया है. ब्रिटेन की रहने वाली 31 साल की राहेल इंग्रिम ने पांच सालों तक पेशाब नहीं किया था. पेशाब न करने की वजह से उनका पेट गुब्बारे की तरह फूल गया था.


दरअसल राहेल ने जब साल 2012 में अपने बच्चे को जन्म दिया था, तभी से उनको यह दिक्कत हो रही थी. वो ढेर सारा पानी भी पीती थीं, लेकिन फिर भी उनको पेशाब नहीं आती थी. जब उनको मामला कुछ गड़बड़ तो वो तुरंत डॉक्टर के पास पहुंच गईं, जिन्होंने उन्हें बताया कि उनके मूत्राशय में दो लीटर यूरीन यानी पेशाब जमा पड़ा हुआ है. महिलाएं ब्लैडर यानी मूत्राशय में 500 मिलीलीटर तक यूरीन होल्ड कर सकती हैं, जबकि पुरुषों के ब्लैडर की कैपिसिटी 700 मिलीलीटर तक होती है.  


फूल गया था पेट


ब्लैडर में पेशाब के भरे होने की वजह से राहेल 6 महीने की प्रेग्नेंट लग रही थीं. क्योंकि उनका पेट बहुत ज्यादा फूल गया था. इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर ने राहेल से पानी के टपकने की आवाज सुनने को कहा, ताकि उनकी रुकी हुई पेशाब निकल सके. हालांकि इससे कुछ न हो सका. फिर डॉक्टर ने उनको कैथेटर लगाया, जो एक पतली सी पाइप होती है. इसका इस्तेमाल भरे हुए मूत्राशय को खाली करने के लिए किया जाता है. 


जांच में सामने आई दुलर्भ बीमारी


साल 2015 में जब राहेल की जांच की गई, तब मालूम चला कि उनको फाउलर सिंड्रोम (Fowler Syndrome) है, जो पेशाब से जुड़ी एक दुलर्भ बीमारी है. यह बीमारी सबसे ज्यादा युवा महिलाओं को प्रभावित करती है. इसमें ब्लैडर को पूरा खाली करने में समस्या आती है. पानी पीने के बावजूद पेशाब नहीं आती या बहुत कम आती है. इस बीमारी का पता चलने के बाद राहेल की बॉडी में सैक्रल नर्व स्टिमुलेटर फिट किया गया था, जो एक पेसमेकर डिवाइस है. इस डिवाइस को शरीर में इंप्लांट किया जाता है. यह डिवाइस बेहतर पेशाब लाने में मदद करता है. 


अभी-भी समस्या नहीं हुई खत्म


हालांकि इस डिवाइस से भी राहेल को कोई खास मदद नहीं पाई. लिहाजा पेसमेकर को हटाने के लिए उनका एक बड़ा ऑपरेशन किया गया. इसके बाद मिट्रोफनॉफ दिया गया, जो ब्लैडर और टमी स्किन के बीच एक चैनल बनाने के लिए अपेंडिक्स पार्ट का यूज करता है. इससे राहेल को बहुत राहत मिली. हालांकि उनकी परेशानी आज भी पुरी तरह से खत्म नहीं हुई है. अगर आपको कभी-भी पेशाब करने में इस तरह की दिक्कत महसूस हो तो बिना देर किए टेस्ट कराएं. क्योंकि ये फाउलर सिंड्रोम बीमारी का संकेत भी हो सकता है. 


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