नई दिल्लीः आधिकारिक तौर पर दिल्ली की हवा पीएम 2.5 स्तरों के संदर्भ में बुधवार सुबह तक 13 घंटे से अधिक समय तक सांस लेने के लिए सुरक्षित थी और कुछ जगहों पर ओलों सहित तेज हवाओं और बारिश के बाद 8 अक्टूबर के बाद से दो दिनों का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे अच्छा था.


मंगलवार की शाम 7 बजे से पीएम 2.5 का स्तर बाद से बुधवार की सुबह लगभग 9 बजे तक 60 माइक्रोग्राम / क्यूबिक मीटर की सुरक्षित सीमा से नीचे रहा. दिल्ली-एनसीआर में साफ हवा का कारण तेज उत्तरी हवाओं के साथ, उत्तरी मैदानी इलाकों में बारिश होना था.


साल के इस समय एनसीआर में ऐसी स्वच्छ हवा बहुत ही दुर्लभ है. CPCB के 24 घंटे के औसत आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल दिल्ली-एनसीआर का पीएम 2.5 स्तर सुरक्षित क्षेत्र में 19 अक्टूबर को था.


बाद में, दिल्ली के अधिकांश हिस्सों में दोपहर बाद हल्की बारिश हुई थी, साथ ही एनसीआर के कुछ हिस्सों में ओलों के साथ बारिश हुई थी. इस साल 8 अक्टूबर के बाद से ही हवा की गुणवत्ता बेहद खराब थी लेकिन 26 नवंबर की शाम को दिल्ली-एनसीआर के लोगों को राहत की सांस मिली.


जबकि दिल्ली का AQI मंगलवार को 270 (खराब) दर्ज किया गया था, यह अगले 24 घंटों में 134 (मध्यम) तक गिर गया. 8 अक्टूबर के बाद मगंलवार की शाम AQI 112 (मध्यम) दर्ज किया गया.


मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कई कारकों ने हवा को साफ करने में मदद की, उत्तरी मैदानी इलाकों में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे पराली के जलने के प्रभाव को कम किया जा रहा है. अधिकारियों ने कहा कि अच्छी हवा की गति ने नमी के स्तर को और प्रदूषि‍त कणों को कम करने में मदद की.


बुधवार को हवा की गति लगभग 15-20 किमी/ घंटा थी जो बारिश के साथ प्रदूषण को दूर करने में मदद कर रही है. आईएमडी के वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि हवा की गति गुरुवार को थोड़ी कम होने की उम्मीद है, लेकिन यह 29 नवंबर को ही धीमी हो जाएगी.


सिस्टम ऑफ़ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) ने कहा कि वायु गुणवत्ता शुक्रवार को ‘खराब’श्रेणी में आने से पहले आज यानि गुरुवार को’ मध्यम’श्रेणी में रहेगी. अधिकारियों का कहना है कि पारा 30 नवंबर तक लगभग 12 डिग्री और 1 दिसंबर को 10 डिग्री तक गिरने की संभावना है.