Raju Srivastav Health Update: दिल्ली के एम्स में भर्ती देश के मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव(Raju Srivastav) हर दिन किसी ना किसी समस्या से जुझ कर उबर रहे हैं. डॉक्टर की टीम उनके दिल का ही इलाज कर रही है. वहीं डॉक्टरों की टीम का मानना है कि वह धीरे धरे ठीक हो जाएंगे. वहीं बीच में राजू के बारे में खबर आ रही थी कि उनके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया है और वह बेहोश थे. लेकिन हालिया जानकारी के अनुसार उनके शरीर के सभी अंग सही से काम कर रहे हैं और अब वह होश में भी आ गए हैं. यहां पर यह सवाल उठ रहा है कि राजू केवल बेहोश थे या कोमा(Coma) में थे. आखिर में दिमाग के काम बंद करने का क्या अर्थ निकलता है और कोमा से इसका क्या लेना देना है.


कोमा में क्या होता है
मेडिकल टर्म में कोमा शब्द सुनने को मिलता है. जिसका अर्थ होता है कि ऐसी अवस्था जिसमें व्यक्ति आंखे बंद कर अचेतन अवस्था में पहुंच जाता है और वह आसपास के वातावरण की आवाजें और हलचल आदि पर रिस्पॉन्स देने की परिस्थिति में नहीं होता. कोमा में मरीज जिंदा रहता है और उसके मस्तिष्क की कुछ गतिविधियां चलती रहेंगी.


मरीज को ठीक होने में लग सकता है कितना समय
मरीज को अगर चोट ज्यादा संवेदनशील तौर पर लगी हो तो उसे कोमा से निकलने में समय लग सकता है. कई बार डॉक्टर भी इस बात की पुष्टि नहीं कर पाते कि मरीज कोमा से बाहर निकल भी सकता है कि नहीं. कोमा को एक गहरी बेहोशी कहे तो गलत नहीं होगा. कोमा में मरीज के दिमाग की स्टेम प्रतिक्रिया हो सकती है. सांस तेज चल सकती है.


कोमा का परिणाम
कोमा में तीन परिस्थिति की अवलोकना की जा सकती है. मरीज ब्रेन डेथ की ओर जा रहा है, सचेतन अवस्था में लौट सकता है या आखिर में वेजीटेटिव स्टेट जैसी लंबी निराशाजनक चेतना अवस्था में भी जा सकता है. इस अवस्था में मरीज लगेगा जाग रहा है पर वह आसपास के वातावरण के प्रति संवेदनहीन रहता है. वहीं कोमा के मरीज को अंगदान के योग भी नहीं माना जाता है.


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