नयी दिल्ली: एचआईवी एड्स प्रभावित लोगों के उपचार, शिक्षण संस्थानों में दाखिले और रोजगार के अलावा अन्य स्थानों पर किसी भी तरह के भेदभाव की रोकथाम को सुनिश्चित करने वाले एक महत्वपूण विधेयक को राज्यसभा ने पारित कर दिया गया है.
स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा के प्रस्ताव पर कल उच्च सदन ने ‘इम्यून डेफिशिएंसी वायरस और एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम, प्रिवेंशन और कंट्रोल’ विधेयक को सरकारी संशोधनों के साथ ऐक्लमेशन से पारित कर दिया.
इससे पूर्व नड्डा ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कानून बनाते समय इस बात को ध्यान में रखा जायेगा कि भारत में इस रोग से संक्रमित कोई भी व्यक्ति उपचार का पात्र होगा और उसके साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि भारत के सक्रिय पहल के कारण इस संक्रमण की दर विश्व की औसत गिरावट दर से कम हुई है. उन्होंने कहा कि वैश्विक औसत गिरावट की दर 35 प्रतिशत है जबकि भारत में यह गिरावट दर 67 प्रतिशत है.