रमजान का पवित्र महीना आते ही हर घर में इबादत, सेहरी और इफ्तार के विशेष इंतजाम का चलन बढ़ जाता है. 11 महीनों के मुकाबले 1 महीने की खाने पीने की रूटीन में जबरदस्त बदलाव आता है. अक्सर सेहरी के वक्त मीठे फूड और चाय का इस्तेमाल किया जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक चाय या कॉफी में मौजूद कैफीन के इस्तेमाल से शरीर से पानी निकलता है, जिसके नतीजे में शरीर को डिहाड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है.
सेहरी के दौरान कम नमक, मिर्च मसाला, ठंडा असर रखनेवाला फूड, दही या दही से बने प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना चाहिए. दही में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन शामिल होता है. इसलिए उसके इस्तेमाल से देर तक भूख नहीं लगती और शरीर में पानी की मात्रा भी सुरक्षित रहती है. विशेषज्ञों का कहना है कि चाय या कॉफी की गिनती उस ड्रिंक में होती है जो आपके शरीर से पानी की मात्रा को जल्द समाप्त करने का कारण बनती है.
सेहरी में चाय का इस्तेमाल सेहतमंद है?
अगर पूरा दिन भूख और प्यास से बचना चाहते हैं, तो सेहरी के दौरान और इफ्तार के बाद चाय और कॉफी को छोड़कर दही, दूध से बनी लस्सी, दही और सादा पानी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए. इफ्तार के टेबल पर कोल्ड ड्रिंक्स या मीठा सोडा के बजाए सादा पानी और नींबू का इस्तेमाल सेहत के लिए फायदेमंद होगा.
रोजे में प्यास से बचने के कुछ टिप्स
गर्म इलाकों में सूरज की तपिश से बचना मुश्किल काम है. लेकिन रोजे के समय में गर्मी से अधिक से अधिक बचना ही समस्या का हल है. ज्यादा तापमान पसीने की वजह बनता है, जिसके नतीजे में शरीर से पानी की कमी होती है और प्यास बढ़ती है. इसलिए कोशिश करें कि रोजे के दौरान बाहर या धूप में निकलना कम करें और खुद को गर्मी से यथासंभव बचाएं.
फलों और सब्जियों का इस्तेमाल न सिर्फ सेहत के लिए अच्छा है बल्कि ये शरीर को हाइड्रेट भी रखता है. कुछ फलों और सब्जियों में पानी की मात्रा काफी होती है, मिसाल के तौर पर पालक, गाजर, लौकी, पुदीना. रमजान के दौरान खुद को प्यास से बचाने के लिए फलों और सब्जियों का इस्तेमाल बढ़ा दें. पवित्र महीने के दौरान ड्रिंक्स में कम से कम आधा कप चिया के बीच जरूर शामिल करें.
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