महाशिवरात्रि का पर्व इस साल 1 मार्च को है. हम सभी जानते हैं कि इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है और तरह-तरह के भोग शिवजी को अर्पित किए जाते हैं. इनमें फल, फूल, दूध और गंगाजल के अतिरिक्त अगर किसी चीज का सबसे अधिक महत्व होता है तो वह है चौलाई के लड्डू. चौलाई को कुछ स्थानों पर राजगिरी या राजगिरा भी कहा जाता है. ये बहुत हल्के और गेहुआं रंग के बारीक दाने होते हैं. इनसे बने लड्डुओं का शिवरात्री पूजन में विशेष महत्व होता है. साथ ही ये लड्डू सेहत के लिए भी बहुत गुणकारी होते हैं.


सेहत के अनुसार है त्योहारों का खान-पान


आपने इस बात पर शायद ही कभी ध्यान दिया हो कि हमारे देश में सभी त्योहारों पर अलग तरह के पकवान और भोज्य पदार्थ बनते हैं. इस रस्म का उद्देश्य सिर्फ मनुष्य को वरायटी देना और अलग-अलग स्वाद चखना नहीं है. बल्कि सभी त्योहारों पर भोजन उन त्योहारों की ऋतुओं के अनुसार बनाए जाते हैं. जिस ऋतु के अनुसार शरीर को जैसी जरूर होती है, वैसे ही खाद्य पदार्थों को त्योहार का हिस्सा बनाया गया है. 


फाल्गुन के महीने में शरीर की जरूरत



  • फाग या फाल्गुन के महीने में ऋतु परिवर्तन का दौर चल रहा होता है. ठंड की विदाई हो रही होती है और धूप में हल्की-हल्की तल्खी बढ़ने लगती है. इस मौसम में पाचकाग्नि काफी मंद यानी धीमी होती है. इस कारण ज्यादातर लोगों को अपच, गैस या पेट में भारीपन की समस्या होने लगती है.

  • इससे शरीर में भारीपन, एनर्जी की कमी महसूस होना, थकान रहना और नींद अधिक आना तथा मन ना लगने जैसी समस्याएं ज्यादातर लोगों को प्रभावित करती हैं. इन सभी समस्याओं से बचने के लिए आपको चौलाई यानी राजगिरी के लड्डुओं का सेवन करना चाहिए.


भगवान शिव के भोग



  • महाशिवरात्री पर पूजन के दौरान भगवान शिव को ये सामग्री मुख्य रूप से चढ़ाई जाती है.

  • बेर

  • बेल

  • दूध

  • भांग

  • धतूरा

  • चौलाई के लड्डू 


ये सभी चीजें पाचन को सही रखने वाली और शरीर में ऊर्जा बढ़ाने वाली होती हैं. भांग और धतूरा सिर्फ नशा करने का माध्यम नहीं हैं. बल्कि ये आयुर्वेदिक औषधियां हैं, जिनका सीमित मात्रा में उपयोग करके कई प्रकार के असाध्य रोगों का उपचार किया जाता है.


चौलाई के लड्डू कैसे बनाएं



  • बाजार में आपको चौलाई आराम से मिल जाएगी. आप किसी भी राशन की दुकान से चौलाई या रामदाना या राजगिरा के नाम से इसे खरीद सकते हैं. 

  • इसे घर लाकर धीमी आंच पर भून लें. इसके साथ ही गुड़ की चाशनी तैयार कर लें. इस चाशनी को तब तक पकाएं, जब तक कि इसमें एक से दो तार ना बनने लगें.

  • तार चेक करने के लिए आप सावधानी के साथ बहुत थोड़ी सी चाशनी को  उंगली पर लगाएं और फिर अंगूठे की मदद से यह जांचें कि चाशनी में तार बन रहे हैं या नहीं. जब तार बनने लगें तो समझ जाएं कि आपकी चाशनी लड्डू बनाने के लिए तैयार हो चुकी है.

  • अब एक बड़े बर्तन में भुनी हुई चौलाई को निकालें और ऊपर से गुड़ की चाशनी डालें. हाथों पर पानी लगाकर तुरंत इस चाशनी को चौलाई में मिलाएं और लड्डू बनाएं.


चौलाई के लड्डू खाने के फायदे



  • चौलाई के लड्डू खाने से अपच की समस्या दूर रहती है.

  • पेट में भारीपन नहीं होता

  • शरीर ऊर्जावान बना रहता है

  • चौलाई में एंटिऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं, जो शरीर को निरोग रखने में सहायक होते हैं.

  • चौलाई में ऐंटीइंफ्लामेट्री गुण होते हैं, जो शरीर को अंदरूनी सूजन से बचाते हैं.

  • जिनका कॉलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ रहता है, उन्हें चौलाई के लड्डू जरूर खाने चाहिए.


सेवन की विधि



  • चौलाई के लड्डू आप दिन में कभी भी खा सकते हैं. बेहतर होगा कि दूध के साथ इनका सेवन करें. क्योंकि इनकी तासीर बहुत गर्म होती है और अधिक मात्रा में इन्हें खाने पर पेट में एसिडिटी की समस्या हो सकती है.

  • मीठा खाने की इच्छा शांत करने के लिए भी आप चौलाई या रामदाना के लड्डू खा सकते हैं. इन्हें खाने से फैट और हेवीनेस का डर नहीं सताएगा.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


 


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