Rare Disease Day 2024 : जब हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाता है, तब कई बीमारियां एक साथ अटैक कर सकती हैं. इन बीमारियों को इलाज और दवाईयों से ठीक कर लिया जाता है. हालांकि, कुछ बीमारियां इतनी गंभीर हैं, जिनका इलाज नहीं होता और उनके होने का कारण-लक्षण का भी पता नहीं चल पाता है. ऐसी बीमारियों को रेयर डिजीज (Rare Disease) की लिस्ट में रखा जाता है. ऐसी ही बीमारियों को लेकर जागरुकता के लिए 29 फरवरी को रेयर डिजीज डे (Rare Disease Day 2024) मनाया जाता है. 

 

 इसलिए चुना गया ये खास दिन 

यह तारीख चार साल में सिर्फ एक बार आता है, इसलिए इस दिन को चुना गया है. बता दें कि आज दुनिया में 30 करोड़ से ज्यादा लोग इस तरह की बीमारियों की चपेट में हैं. भारत में हर 10,000 लोगों में से कोई एक रेयर डिजीज के खतरे से जूझ रहा है. 

 

भारत में रेयर डिजीज का आंकड़ा

हमारे देश में मौजूदा समय में रेयर डिजीज की कोई परिभाषा या डेटा उपलब्ध नहीं है. एक आंकड़े के मुताबिक, अस्पतालों में अब तक करीब 450 रेयर डिजीज दर्ज की गई हैं. इन बीमारियों में प्राइमरी इम्यूनोडेफिशिएंसी डिसऑर्डर, लाइसोसोमल स्टोरेज डिसऑर्डर, म्यूकोपॉलीसेकेराइडोस, पोम्पे डिजीज और फैब्री डिजीज है. इनके अलावा मेटाबॉलिज्म से जुड़ीं जन्मजात बीमारियां मेपल सिरप यूरीन डिजीज और कार्बनिक एसिडेमिया हैं. सिस्टिक फाइब्रोसिस, कुछ मस्कुलर डिस्ट्रॉफी और स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी भी इस लिस्ट में शामिल हैं.

 

भारत में पाई जाने वाली 5 रेयर डिजीज

 

1. प्राइमरी इम्यूनोडेफिशिएंसी डिसऑर्डर

इस बीमारी  (Primary immunodeficiency disorder) की चपेट में आने वाले लोगों का इम्यून सिस्टम सही तरह काम नहीं करता है. मतलब पीआई वाले लोगों में संक्रमण और ज्यादा बीमार होने का जोखिम रहता है. इसके 400 से ज्यादा प्रकार हो सकते हैं. सभी के प्रभाव भी अलग-अलग होते हैं. अगर जल्दी पता चल जाए तो कुछ को कंट्रोल भी किया जा सकता है.

 

2. लाइसोसोमल स्टोरेज डिसऑर्डर

मेटाबोलिज्म की इन्बॉर्न डिसऑर्डर लाइसोसोम के खराब सिस्टम की वजह से कई अंगों की कोशिकाओं में सब्सट्रेट के ज्यादा मात्रा में जमा होने से होती है. ये इतनी गंभीर बीमारी (Lysosomal Storage Disorder) है, जिसकी वजह से मौत भी हो सकती है.

 

3. पोम्पे डिजीज 

यह एक आनुवंशिक बीमारी है, जिसमें कोशिकाओं के लाइसोसोम में ग्लाइकोजन नाम का एक काम्प्लेक्स शुगर बन जाता है. जब शरीर में एसिड अल्फा-ग्लूकोसिडेज नाम का एक डाइजेस्टिव एंजाइम कम हो जाता है, तब यह बीमारी (Pompe disease) होती है. यह मांसपेशियों को कमजोर कर देती है.

 

4. फैब्री डिजीज

इस बीमारी (Fabry disease) के होने पर शरीर में ग्लिकोलिपिड जैसे फैट को तोड़ने के लिए बेहद जरूरी एंजाइम मौजूद नहीं होता है. यह एक जेनेटिक डिसऑर्डर है. इसमें ब्लड वेसल्स और टिश्यू में फैट जमा हो जाते हैं. जिससे किडनी डैमेज, स्ट्रोक, हार्ट डिजीज और आंखों की समस्याएं हो सकती हैं.

 

5. मेपल सिरप यूरीन डिजीज 

यह बीमारी जेनेटिक डिसऑर्डर की वजह से होती है. इस बीमारी (Maple syrup urine disease) के होने पर शरीर कुछ प्रोटीन के बिल्डिंग ब्लॉक अमीनो एसिड को प्रोसेस नहीं कर पाता है. इससे ब्लड और यूरीन में खतरनाक चीजें बनने लगती हैं, जो गंभीर हो सकती हैं.

 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.