अधिक गर्मी और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण युरीन ट्रेक्ट इंफेक्शन (UTI) के मामलों में एक तेजी सी वृद्धि हुई है. गर्मी के मौसम में गर्म और ह्यूमिडिटी मौसम के कारण, खासकर महिलाओं और बच्चों में UTI के मामले ज्यादा बढ़ते हैं.


 यूरीन ट्रेक्ट इंफेक्शन (UTI) का मतलब होता है कि यूरीनरि सिस्टम के किसी भी हिस्से में संक्रमण हो जाना, जिसमें किडनी, यूरिटर, ब्लैडर और अर्थेरा शामिल होती हैं. UTI के लक्षणों में यूरीनेशन होने के दौरान जलन का अनुभव होता है, बार-बार पेशाब आना, यूरीन में खून निकलना, बुखार, पेल्विक क्षेत्र और पेट में दर्द, मतली और उल्टी शामिल होती है.
जैसे-जैसे गर्मी और ह्यूमिडिटी बढ़ती है, बैक्टीरिया का बढ़ाना सरल हो जाता है. इसके साथ ही तरल पदार्थों की हानि होने का खतरा भी बढ़ जाता है, और जो लोग खुद को गर्मी के दिनों में हाइड्रेटड नहीं रखते हैं, उनको UTI होने का अधिक खतरा हो सकता है. अगर UTI का समय पर उपचार किया जाता है, तो संभावित रूप से आपके यूरिन ट्रेक्ट पर कोई स्थायी प्रभाव नहीं होगा.


अगर आप महिला हैं, तो आपको UTI से बचने में मदद करने वाले निम्नलिखित सुझावों के बारे में जागरूक रहना चाहिए.


1. यह जान लें कि ऐसे कुछ बर्थ कंट्रोल के प्रकार, जैसे कि स्पर्मिसाइडल फोम और डायाफ्रेम, महिलाओं में UTI के खतरे को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं. अन्य प्रकार के बर्थ कंट्रोल के बारे में अपने स्वास्थ्य देखभाल के डॉक्टर से से संपर्क करें.


2. जब आपको पेशाब करने की जरूरत हो, तो इसे टालने न दें और जल्दी पेशाब करने की कोशिश न करें. यूरीन रोकने और पूरी तरह से गॉल ब्लैडर खाली न करने से UTI का खतरा बढ़ सकता है.


3. ग्रमी के समय खूब सारा पानी पीएं. इससे आप में UTI का खतरा कम हो सकता है. 


4. ज्यादा मात्रा में तीखा खाना या मसालेदार चीज ना खाएं, क्योंकि इससे UTI का खतरा बढ़ सकता है.


UTI होने के लक्षण


1. यूरिनेशन के समय दर्द या जलन
2. बार-बार पेशाब होना
3. पीठ या रिब्स के पास दर्द
4. निचले पेट में दबाव
5. यूरीन में खून आना
6. बुखार या ठंड लगना


किसमें अधिक होती है इसकी समस्या


यह समस्या गर्मियों में अधिकतर महिलाओं में देखी जाती है. हर दिन 15 से 20 महिलाएं इस बीमारी की शिकार हो रहीं हैं. डॉ. आशीष चौरसिया, यूरोलॉजिस्ट, ज़ायनोवा शाल्बी अस्पताल (Urologist, Zynova Shalby Hospital) ने कहा कि UTI को रोकने के लिए, पानी अधिक मात्रा में पीना है. शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने के लिए, कम से कम 2.5 से 3 लीटर पानी पिएं. प्रतिदिन कम से कम 45 मिनट तक चलने-फिरने या किसी भी एरोबिक व्यायाम करें. किसी भी प्रकार का नशा करने या कैफीन से बचें, जो आपको डिहाइड्रेट कर सकता है. लंबे समय तक यूरीन ना रोकें. जिससे UTI के विकास के कारण बैक्टीरिया का निर्माण होने से बचा जा सकता है," डॉ. आशीष चौरसिया ने कहा.


कितनी बार हो सकती है ये बीमारी 


UTI कब समस्या 6 महीनों में 2 से अधिक बार या एक वर्ष में 3 से अधिक बार हो सकता है. ये संक्रमण बार-बार होते हैं क्योंकि ईशेरिकिया कोली नामक बैक्टीरिया, जो इंटेस्टिनल सिस्टम में बसा रहता है, इसके कारण होते हैं. अगर ई. कोली रेक्टम से वैजाइना में यात्रा करता है तो यह अर्थेरा में प्रवेश करता है और गॉल ब्लैडर में संक्रमण का कारण बनता है.


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