हमेशा से महिलाओं के मुकाबले पुरुष ही शराब पीने की रेस में आगे रहें हैं. लेकिन अब ये सारी बातें पुरानी होती जा रहीं हैं. महिलाएं हर जगह पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहीं हैं और अब शराब पीने के रेस में भी पुरुषों को पिछाड़ रहीं हैं. 1991 से 2000 के बीच में जन्मी महिलाएं उतनी ही शराब पी रहीं हैं जितना कि एक पुरुष पीता है. सिर्फ इतना ही नहीं पीने की रफ्तार में ये पीढ़ी पुरुषों को पीछे छोड़ रही है. लेकिन फैशनेबल और मॉर्डन बनने के चक्कर में शराब का बुरा असर महिलाओं पर दिखने लगा है. अमरीकी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2000 से 2015 के बीच 45 से 64 साल की उम्र की महिलाओं में सिरोसिस से मौत के मामले 57 फीसदी बढ़ गएं हैं. जबकि इस वर्ग में 21 फीसदी पुरुष सिरोसिस की चपेट में आकर मरे. वहीं 25 से 44 साल की उम्र की महिलाओं के सिरोसिस से मौत के मामले 18 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गई है जबकि इसी वर्ग के पुरुष साथियों में सिरोसिस से मौत के मामले में 10 फीसदी की कमी देखी गई है. इतना ही नहीं शराब के ओवरडोज के बाद अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंचने वाले महिलाओं की संख्या भी बढ़ रही है.
यह है इसका कारण
समस्या ये नहीं है कि महिलाएं ज्यादा शराब पी रहीं हैं लेकिन बात यह है कि उनपर शराब का असर पुरुषों के मुकाबले ज्यादा और अलग अंदाज में होता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक महिलाओं के शरीर में बेहद सीमित मात्रा में एल्कोहल डिहाइड्रोगेनेज (ADH) एंजाइम निकलता है जो लीवर में स्थित होता है और यह शरीर में अल्कोहल को तोड़ने का काम करता है.
इसकी वजह क्या हो सकती है?
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मनोविज्ञान के प्रोफेसर और मैकलीन हॉस्पीटल, मैसाच्यूटएस में एडिक्शन साइकोलॉजिस्ट डॉन सुगरमैन का कहना है, "महिलाओं पर शराब के असर की आशंका ज्यादा होने के चलते ही शराब पीने वाली महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज्यादा समस्याएं होती है. शरीर का फैट अल्कोहल को बचाए रखता है जबकि शरीर में मौजूद पानी उसके असर को कम करता है, ऐसे में प्राकृतिक तौर पर शरीर में ज्यादा फैट और कम पानी के चलते महिलाओं पर अल्कोहल का ज्यादा असर होता है.
जो महिलाएं ज्यादा शराब का सेवन करती हैं उनमें इसकी लत लगने की और मेडिकल समस्याएं होने की संभावना अधिक होती है. इसे टेलीस्कोपिंग कहते हैं. मतलब की बेशक महिलाएं पुरुषों की तुलना में देरी से शराब पीना शुरू करती हैं लेकिन जल्दी ही उसके लत की चपेट में आ जाती हैं. इतना ही नहीं, महिलाओं में लीवर और हार्ट प्रॉब्लम की समस्याओं की आशंका भी ज्यादा होती है.
महिलाओं में शराब पीने के अन्य नुकसान
1. लीवर डिजीज़- महिलाओं में सिरोसिस और अन्य शराब संबंधित रोगों का खतरा पुरुषों की तुलना में अधिक होता है.
2. ब्रेन पर इसका असर- महिलाओं में पुरुषों की तुलना में शराब का असर ब्रेन पर ज्यादा पड़ता है.
3. हार्ट पर इसका असर- महिलाएं जो अधिक मात्रा में शराब पीती हैं, उन्हें पुरुषों की तुलना में हार्ट का खतरा होता है.
4. ब्रेस्ट कैंसर- शराब की मात्रा बढ़ाने से मुंह, गले, ईसोफेगस और लीवर में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. महिलाओं में, कम मात्रा में शराब पीने से भी ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना देखी गई है.