Reasons For Midnight Craving: आपके साथ भी कभी न कभी ऐसा जरूर हुआ होगा कि बीच रात में अचानक नींद खुली और पेट में चूहे कूदने लगे. पहली परेशानी तो ये कि आधी रात में खाएं तो खाएं क्या. दूसरी परेशानी ये कि कुछ खा भी लें तो भी भूख आसानी से मिटती नहीं है. आपको क्या लगता है ये एक सामान्य बात है. नाइट क्रेविंग अधिकांश लोगों को होती है. लेकिन ऐसा होता क्यों हैं, इसके कारण भी जान लीजिए.

ब्रेकफास्ट स्किप करने पर


सुबह उठने के बाद पहला मील होता है ब्रेकफास्ट जो एक तरह से पूरे दिन के लिए शरीर की फ्यूलिंग करता है. सुबह सही समय पर सही नाश्ता न मिले तो इंसुलिन स्पाइक भी हो सकता है. 

स्ट्रेस भी है बड़ा कारण


जो लोग दिनभर के काम को लेकर या बेवजह तनाव में रहते हैं वो लोग भी नाइट क्रेविंग का शिकार होते हैं. स्ट्रेस हमारे शरीर में कोर्टिसोल का लेवल बढ़ा देता है जिससे इंसुलिन हाई हो जाता है. ये ओवरइंटिंग की वजह भी बनता है और नाइट क्रेविंग की भी. 

प्रोटीन की कमी


पर्याप्त प्रोटीन डाइट लेने से आप फुलनेस फील करेंगे. यानी बार बार भूखा महसूस नहीं करेंगे. प्रोटीन की खुराक भरपूर होने से कैलोरी भी कम खाने में आती है. अगर आपकी डाइट में प्रोटीन कम होता है तो बहुत संभव है कि आप रात को भूखा महसूस करें और फिर अनहेल्दी डाइट लेने पर मजबूर हो जाएं.

कम पानी पीना


भूख को काबू में रखने के लिए पर्याप्त पानी पीना भी जरूरी है. कुछ लोग पानी को अवॉइड कर कोल्ड ड्रिंक या दूसरे अनहेल्दी ड्रिंक्स का सहारा लेते हैं. इस वजह से शरीर को पर्याप्त हाईड्रेशन और इलेक्ट्रॉलाइट्स नहीं मिल पाते और क्रेविंग होती रहती है.

रिफाइंड कार्ब्स की वजह से


पास्ता, बर्गर, कैंडी जैसी चीजें खाकर जितनी आसानी से हैवीनेस महसूस होती है उतनी ही आसानी से और भूख भी लगती है और सेटिसफेक्शन नहीं मिलता है. उसकी वजह है कि इस तरह के खानों में फाइबर्स बहुत कम होते हैं. जिसकी वजह टेस्ट तो खूब मिलता है लेकिन शरीर को जरूरी खुराक नहीं मिलती है भूख का अहसास बना रहता है.

 

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