Recycled Plastic Sideeffects: आपके किचन में भी स्टील,पीतल के साथ साथ प्लास्टिक के बर्तन यूज होते होंगे. प्लास्टिक का सामान हर घर में मौजूद होता है, यहां तक कि बच्चों के कई खिलौने भी प्लास्टिक से बने होते हैं. देखा जाए तो पिछले कुछ दशकों में प्लास्टिक और खासतौर पर रीसाइकल्ड प्लास्टिक का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है. ये सस्ते और अफोर्डेबल तो होते हैं लेकिन इनका सेहत पर काफी बुरा असर पड़ता है. हाल ही में की गई एक रिसर्च में दावा किया गया है कि इंडिया में रीसाइकल्ड प्लास्टिक से बनी चीजें सेहत के लिए काफी खतरनाक हो सकती है क्योंकि इनमें मिलाया गया केमिकल स्वास्थ्य संबंधी खतरों का रिस्क बढ़ा रहा है. चलिए जानते हैं इस बारे में.
क्या कहती है रिसर्च
एक रिसर्च के तहत शोधकर्ताओं ने दिल्ली के बाजारों में रीसाइकलिंग यूनिट्स से बर्तन और खिलौनों के सैंपल एकत्र किए. आपको बता दें कि अध्ययन के बाद पता चला है कि इन बर्तन और खिलौनों में कई ऐसे जहरीले कैमिकल थे जो हेल्थ रिस्क पैदा कर सकते हैं. इस अध्ययन में बताया गया है कि रीसाइकल्ड प्लास्टिक से बने खिलौनों में कई तरह के कैमिकल जैसे सिंगल-चेन क्लोरीनेटेड पैराफिन कैडमियम, नोनीलफेनोल, हाई लेवल का DEHP पाया गया है. ये सभी कैमिकल सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं.
इन बीमारियों का बढ़ाते हैं खतरा
इसके अलावा किचन में यूज होने वाले रीसाइकल्ड बर्तन जैसे पानी की बोतलें,मसालों के डिब्बे, कैसरोल आदि भी खतरनाक कैमिकल से युक्त पाए गए.आपको बता दें कि रीसाइकल्ड प्लास्टिक से बनी इन चीजों में पाए जाने वाले कैमिकल जैसे सिंगल-चेन क्लोरीनेटेड पैराफिन आदि से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने का रिस्क बढ़ जाता है.इसके साथ साथ इनमें पाए जाने वाले कैमिकल जैसे फेथलेट्स, क्लोरीनेटेड पैराफिन, भारी धातु, बिस्फेनॉल ए और नॉनिलफेनॉल आदि सांस संबंधी बीमारियों ,त्वचा संबंधी बीमारियों के लिए जिम्मेदार पाए गए हैं. ये कैमिकल गर्भावस्था के रिस्क बढ़ाने के साथ साथ प्रजनन प्रणाली और डीएनए को भी डैमेज करने की ताकत रखते हैं. रीसाइकल्ड प्लास्टिक से बने बर्तन जब गर्म चीजों के संपर्क में आते हैं तो जहरीले रिएक्शन छोड़ते हैं जो काफी नुकसान देय होते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.