फेफड़ा हमारे शरीर का ऐसा ऑर्गन है जो गंदा होने के बाद खुद को साफ कर लेता है. सिर्फ इतना ही नहीं पॉल्यूशन से कॉन्टैक्ट के आने पर अपने आप को खुद ठीक करना शुरू कर देता है. अगर अपने फेफड़ा हेल्दी रखना है तो आपको सिगरेट के धुएं, स्मोकिंग, वेपिंग, एयर पॉल्यूशन से बचकर रहना चाहिए. साथ ही साथ रोजाना एक्सरसाइज करना चाहिए. साथ ही साथ हेल्दी डाइट जरूरी लेनी चाहिए इससे आपकी इम्युनिटी मजबूत रहती है.
हाइड्रेशन
दिन में कम से कम आठ गिलास पानी पीने से बलगम पतला होता है और आपके शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं. आप फलों और सब्जियों जैसे हाइड्रेटिंग खाद्य पदार्थ भी खा सकते हैं.
हेल्दी डाइट
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं, जैसे कि जामुन, मेवे और हरी पत्तेदार सब्जियाँ। आप अपने आहार में हल्दी, अदरक, अखरोट और वसायुक्त मछली जैसे सूजन-रोधी खाद्य पदार्थ भी शामिल कर सकते हैं.
गहरी सांस लेना
गहरी सांस लेने की तकनीक आपके फेफड़ों से विषाक्त पदार्थों और फंसे हुए बलगम को निकालने में मदद कर सकती है.
हरियाली के बीच ज्यादा वक्त बिताएं
हरी-भरी जगहों पर समय बिताने से फेफड़ों की स्वास्थ्य स्थितियों का जोखिम कम हो सकता है.
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मुलीन चाय
मुलीन चाय श्वसन प्रणाली पर प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से निपटने में मदद कर सकती है.
लहसुन
लहसुन में एलिसिन होता है, जो संक्रमण से लड़ने और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है. अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग सप्ताह में कम से कम दो बार कच्चा लहसुन खाते हैं, उनमें फेफड़ों के कैंसर का निदान होने का जोखिम कम होता है.
लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने से फेफड़ों की बीमारियाँ हो सकती हैं, जिनमें अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) शामिल हैं. अगर आप गर्भवती होने के दौरान उच्च स्तर के प्रदूषण के संपर्क में आती हैं, तो चाहे आपको अस्थमा हो या न हो, आपके बच्चे को अस्थमा होने की संभावना अधिक हो सकती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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