पिछले डेढ़ साल से कोरोना के कहर ने तबाही मचा रखी है. लॉकडाउन के दौरान लोगों को महीनों तक घर में रहना पड़ा और लॉकडाउन खुलने के बाद भी लोगों की आवाजाही पर अब तक पूरी तरह से छूट नहीं मिली है. इस कारण लोगों के अंदर खौफ पैदा हो गया है जिससे कई तरह की मानसिक परेशानियां सामने आ रही हैं. इतने दिनों तक घर के अंदर कैद रहने से अपनों में अनबन होने लगी है. नतीजा, कई लोगों का रिश्ता दरकने लगा है. ऐसे में एक रिसर्च सामने आई है जिसमें दावा किया गया है कि अपनों के साथ यदि महामारी के दौरान अनबन है तो इसे भावनात्मक लेखनी के साथ सही किया जा सकता है. ऐसा करने से जादुई अंतर देखा गया है.
तटस्थ होकर लिखने के लिए कहा गया
यह अध्ययन 'Couple and Family Psychology: Research and Practice' में प्रकाशित हुआ है. साइकोलॉजी के प्रोफेसर Lindsey Rodriguez के नेतृत्व में यह अध्ययन किया गया है. इस अध्ययन में लॉकडाउन के पीक के समय अमेरिका के 716 लोगों को शामिल किया गया. अध्ययन में भाग लेने वाले को दो समूह में बांट दिया गया. दोनों समूह में एक महिला और एक पुरुष शामिल थे. इनके लिए दो तरह के सवालों के सेट तैयार किए गए. इन लोगों से अपनों के साथ अनबन की वजह, समय, अंतराल और तीव्रता से जुड़े सवाल पूछे गए. इसके बाद कुछ लिखने के लिए भी कहा गया. कुछ लोगों से कहा गया कि आप अपने झगड़े को तटस्थ होकर या थर्ड पार्टी बनकर लिखें. इसमें खुद को दोनों का म्यूचवल फ्रेंड मान लें. इन लोगों को आने वाले समय में भी यही रुख अपनाने के लिए कहा गया.
रिश्तों में फिर से अपनापन देखने को मिला
दूसरे समूह के लोगों को अपने रिश्ते में आई दरार या अन्य के साथ हुए अनबन पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए कहा गया. इसमें घर की सफाई, कपड़े धोना, खाना बनाना आदि से जुड़े सवाल पूछे गए थे. दो सप्ताह के बाद शोधकर्ताओं ने दोनों समूहों के जवाबों का अध्ययन किया. अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने तटस्थ होकर थर्ड पार्टी की तरह लिखा, उनमें कुछ दिनों बाद अपनों के साथ झगड़ा खत्म हो गया. ऐसे लोगों में अब गुस्से के कम मौके आने लगे और दोनों के बीच झगड़े का अंतराल भी बहुत बढ़ गया. कहने का मतलब कि यदि झगड़ा हुआ भी तो बहुत मामूली हुआ. जबकि दूसरे ग्रुप के साथ ऐसा नहीं था. Lindsey Rodriguez ने बताया कि तटस्थ होकर लिखने वाले समूह में इस बात को प्रोत्साहित किया कि वे अपने झगड़े के बारे दोबारा सोचें. इससे दोनों के बीच रिश्तों में नए तरह का अपनापन देखने को मिला.
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