रेमडेसिविर दवा से कोविड मरीजों की मृत्यु दर घटाने में नहीं मिला कोई फायदा: WHO
रेमडेसिविर का कोविड-19 मरीजों की मृत्यु दर घटाने में कोई असर नहीं हुआ हैविश्व स्वास्थ्य संगठन के परीक्षण में आए नतीजे के हवाले से बड़ा दावा किया गया
नई दिल्ली: अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 मरीजों की मृत्यु दर घटाने में रेमडेसिविर का कोई असर नहीं हुआ है. ‘डब्ल्यूएचओ सॉलिडरिटी ट्रायल’ के अंतरिम नतीजे के हवाले से दावा किया गया है. अंतरिम निष्कर्ष गुरुवार को प्रिप्रिंट सर्वर ‘मेडआरएक्सआईवी’ पर जारी किया गया. इसका मतलब हुआ कि किसी मेडिकल पत्रिका में प्रकाशन से पूर्व यह समीक्षा के दौर में है.
रेमडेसिविर का कोविड-19 मरीजों की मृत्यु दर घटाने में कोई असर नहीं
रिपोर्ट में बताया गया है कि कोविड-19 के सिलसिले में चार दवाओं का मृत्यु दर घटाने, श्वसन को सुचारू करने और अस्पताल में भर्ती रहने की अवधि पर कोई असर नहीं पड़ा. दरअसल, रेमडेसिविर, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, लोपिनाविर/रिटोनोविर और इंटरफेरोन का 30 देशों के 405 अस्पतालों में 11 हजार 666 बालिगों पर परीक्षण किया गया था.
परीक्षण के दौरान 2 हजार 750 मरीजों को रेमडेसिविर, 954 को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, एक हजार 411 को लोपिनाविर और 651 को इंटरफेरोन समेत लोपिनाविर और एक हजार 412 को इंटरफेरोन की खुराक दी गई जबकि 4 हजार 88 मरीजों को पर चारों दवाइयों का इस्तेमाल नहीं किया गया.
रेमडेसिविर, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, लोपिनाविर और इंटरफेरोन पर परीक्षण
शोधकर्ताओं का कहना है कि मरीजों को फायदा नहीं मिलने के चलते हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और लोपिनाविर का इस्तेमाल पहले ही बंद कर दिया गया. परीक्षण के बाद कहा गया, ‘‘ रेमडेसिविर, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, लोपिनाविर और इंटरफेरोन का अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के मरीजों पर कोई असर नजर नहीं जान पड़ा जैसा कि संपूर्ण मृत्यु दर, श्वसन को सुचारू करने और अस्पताल में भर्ती रहने की अवधि से संकेत मिलता है.’’ गौरतलब है कि महामारी के बीच कोविड-19 मरीजों पर चारों दवाइयों के बड़े चर्चे थे.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को छह माह लंबे चले एक समग्र चिकित्सा विज्ञान परीक्षण के नतीजों की घोषणा की. परीक्षण का मकसद यह जानना था कि वर्तमान में उपलब्ध दवाएं कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में कितनी प्रभावी हो सकती हैं. नतीजे से पता चला कि परीक्षण के दौरान इस्तेमाल की गई दवाओं रेमडेसिविर, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, लोपिनाविर/रिटोनाविर और इंटरफेरोन का कोविड-19 मरीजों पर या तो बेहद कम असर हुआ या बिल्कुल भी कारगर साबित नहीं हुईं.
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