इस उम्र के लोग ज्यादा जल्दी उठाते हैं सुसाइड जैसे कदम, वैज्ञानिकों ने बता दिया व्यवहार में आने वाला बदलाव
किस उम्र में सुसाइड करने की टेंडेंसी ज्यादा होती है. आज इस आर्टिकल में इस पूरे मुद्दे पर वैज्ञानिकों की क्या राय है इस पर खुलकर बात करेंगे.
AI इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस के बाद सुसाइड के ऊपर न्यूज चैनल पेपर, सोशल मीडिया, अखबार हर तरफ बात हो रही है. आज हम भी इस पर विस्तार से बात करेंगे. इस आर्टिकल के जरिए हम विस्तार से बात करेंगे कि किस उम्र में सुसाइड करने की टेंडेंसी ज्यादा होती है. आपको एक रिपोर्ट सुनकर बेहद हैरानी होगी. इसमें खुलासा किया गया है कि दुनिया में सबसे ज्यादा सुसाइड इंडियन नैजवान करते हैं. भारत में किशोरावस्था (15-19 साल) के बीच आत्महत्या मृत्यु का चौथा बड़ा कारण है.एनसीआरबी की 2022 की रिपोर्ट बताती है कि 30 से 45 साल की उम्र के लोग ज्यादा आत्महत्या करते आते हैं. इसके बाद 18 से 30 और फिर 45 से 60 साल की उम्र के लोगों में सुसाइड के मामले ज्यादा सामने आते हैं.
एम्स ने डॉक्टर ने किया खुलासा
एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर नंद कुमार बताते हैं कि भारत में आत्महत्या की प्रतिशत दिन पर दिन बढ़ रही है. खासकर युवाओं में इसकी संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. पूरी दुनिया की तुलना में लगभग दोगुनी है. भारत में लगभग हर रोज 160 नौजवान आत्महत्या करते हैं. इसके पीछे कई कारण है जैसे- परिवार में तनावपूर्ण माहौल, इमोशनल हेल्थ, नशीली दवाओं का सेवन, फैमिली के बीच सही रिश्ते नहीं होना. दोस्तों के आपस में खराब संबंध, अकेलापन.
2012 से 2019 तक 12 से 24 साल के बच्चों में सुसाइडल स्थिति ज्यादा बढ़ी है
'न्यू साउथ वेल्स' सिडनी विश्वविद्यालय ने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई युवाओं के अंदर कई सारे हार्मोनल चेंजेज होते हैं. जिसके कारण उनके शरीर का टेंपरेचर बढ़ा रहता है. रिसर्चर ने साल 2012 से 2019 तक 12 से 24 साल की आयु के रोगियों द्वारा आपातकालीन विभागों में किए गए 55,000 से अधिक आत्महत्या संबंधी प्रस्तुतियों की जांच की. उन्होंने पाया कि तापमान में हर एक डिग्री सेल्सियस (1.8 डिग्री फ़ारेनहाइट) की वृद्धि की गई है.
यह भी पढ़ें : स्पेस में लगातार कम हो रहा है सुनीता विलियम्स का वजन, जानें अचानक वेट लॉस कितना खतरनाक
आत्महत्या करने वाले युवाओं के लिए आपातकालीन कक्ष में जाने की संख्या में 1.3% की वृद्धि हुई. हीटवेव के दौरान शोधकर्ताओं ने सामान्य से 9-15% अधिक दरें दर्ज कीं.यूएनएसडब्ल्यू सिडनी में मनोचिकित्सक और संयुक्त व्याख्याता डॉ. साइबेले डे, अध्ययन के प्रमुख लेखक थे, जिसे ऑस्ट्रेलियाई और न्यूजीलैंड जर्नल ऑफ़ साइकियाट्री में प्रकाशित किया गया था.
NCRB के आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में 1.71 लाख लोगों की आत्महत्या से मौतें हुई हैं.आत्महत्या, 15 से 39 साल की उम्र वाले व्यक्तियों में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है, जो पूरी दुनिया की तुलना में हमारे देश में सबसे अधिक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकटों में से एक है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें: Microwave Oven Day 2024 : क्या वाकई माइक्रोवेव बना सकता है बीमार, जानें
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )