देश भर में रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल को लेकर लगातार डॉक्टर के डेलिगेशन और मंत्रालय के बीच बातचीत चल रही है. आज भी इसी कड़ी में डॉक्टर के एक डेलिगेशन की मुलाकात स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई. जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई.


मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए बड़े कदम उठाए हैं. केंद्र सरकार ने अस्पतालों में सुरक्षाकर्मियों की संख्या 25% बढ़ाने और मार्शल की संख्या बढ़ाने के लिए नए ऑर्डर जारी किए हैं. इसके अलावा इंस्टीट्यूशन को लेकर भी कुछ दिन पहले ही मंत्रालय की तरफ से एक आर्डर आ चुका है.


मीटिंग में और क्या चर्चा हुई


मीटिंग में यह बात भी रखी गई कि अगर रेजिडेंट डॉक्टर्स कमेटी बनाने को लेकर राज़ी हो जाते हैं तो उस कमेटी में डॉक्टर्स और अस्पताल की सुरक्षा को लेकर अहम फैसले और सुझाव पर बात हो सकती हैं. जैसे- ड्यूटी रूम बनाया जाएगा, सीसीटीवी लगेगा, लाइटिंग की प्रॉपर व्यवस्था होगी. जो कमिटी बनेगी उसमें राज्यों के प्रतिनिधि और एनएमसी के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.


राज्यों में पहले से कानून है


देश के 26 राज्यों में पहले से ही स्वास्थ्य सेवा कर्मियों की सुरक्षा के लिए कानून हैं. जिसमें 3 साल से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है. हालांकि, स्वास्थ मंत्रालय के सूत्र बताते है कि केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि रेजिडेंट डॉक्टरों की मांगें उचित नहीं हैं. सीपीए आर्डिनेंस की मांग जो डॉक्टर्स की तरफ से की जा रही हैस उससे कोई फायदा नहीं. घटना निंदनीय है. लेकिन रेप और मर्डर मामले में कार्रवाई कानून के तहत ही होती है. 


बीते एक हफ्ते से ज्यादा हो गया जब देश भर के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर बैठे हैं. दिल्ली में यह प्रदर्शन हर रोज़ बड़ा होता हुआ दिख रहा है. आज भी डॉक्टरों ने स्वास्थ्य मंत्रालय का घेराव किया. इस हड़ताल की वजह से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. कई मरीज बिना इलाज के ही वापस जा रहे हैं.


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