Health News: पैरों में होने वाले दर्द को अक्सर लोग सामान्य दर्द समझकर नजरअंदाज कर देते हैं. हालांकि, हर बार ये सिर्फ मामूली थकान का दर्द नहीं होता है. अगर आपको दर्द के साथ-साथ मांसपेशियों में खिंचाव और कंपन महसूस हो, तो ये एक गंभी समस्या हो सकती है. मेडिकल टर्म में इसे रेस्टलेस लेग सिंड्रोम कहते हैं. यदि सही समय पर इसका इलाद न कराया जाए, तो यह पार्किंसंस नामक समस्या में बदल सकती है. तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्या है रेस्टलेस सिंड्रोम और इसके कारण व लक्षण-


जानें क्या है रेस्टलेस लेग सिंड्रोम? 


शरीर में हार्मोन्स में होने वाले बदलाव और असंतुलन की वजह से भी व्यक्ति के शरीर में ऐसे लक्षण नज़र आते हैं. जो लोग हाई ब्लडप्रेशर के मरीज होते हैं, उनमें ये तकलीफ ज्यादा देखने को मिलती है. कई बार आनुवांशिक कारणों की वजह से भी रेस्टलेस लेग सिंड्रोम हो जाता है. इसके अलावा आयरन और विटमिन बी-12 की कमी से भी यह समस्या देखने को मिलती है. 


रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के प्रमुख लक्षण


इस समस्या में हमेशा ऐसा लगता है, जैसे पैरों पर कुछ रेंग रहा है. पैरों को थोड़ा हिलाने पर आराम मिलता है. अनिद्रा भी इसके प्रमुख लक्षणों में से एक है. यदि मांसपेशियों में खिंचाव के साथ बेचैनी हो रही है, तो भी ये रेस्टलेस लेग सिंड्रोम का लक्षण होता है.


रेस्टलेस लेग सिंड्रोम उपचार एवं बचाव


रेस्टलेस लेग सिंड्रोम से छुटकारा पाने के लिए आप अपनी डाइट में भी सुधार कर सकते हैं. इसके लिए अपने भोजन में हरी पत्तेदार सब्जि़यों, अंडा, चिकन और मिल्क प्रोडक्ट्स को प्रमुखता से शामिल करें. इसके अलावा एल्कोहॉल एवं सिगरेट से दूर रहने की कोशिश करें.


ये सजगता है ज़रूरी


यदि आपको अपनी उम्र के चालीसवें साल की उम्र में इस समस्या से संबंधित लक्षण दिखाई दे, तो लापरवाही न करें. तुरंत चिकित्सक से मिलें. हाई ब्लडप्रेशर या हृदय-रोग जैसी समस्याएं हों, तो ज्यादा सजग रहने की जरूरत होती है.


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