Medical Negligence: डॉक्टर (doctor)को धरती पर भगवान की तरह माना जाता है. लेकिन कई बार मेडिकल नेग्लिगेंस या किसी लापरवाही की वजह से अगर मरीज की मौत हो जाती है तो डॉक्टरों को सख्त सजा का प्रावधान है. यूं भी देश भर में रोज किसी ना किसी अस्पताल मे मरीजों के परिजनों की डॉक्टरों के साथ मारपीट की खबरें आती रहती है.इसी संबंध में एक महत्वपूर्ण खबर आई है. भारतीय न्याय संहिता (criminal code laws) में डॉक्टरों की लापरवारी से किसी मरीज की मौत होने पर अब डॉक्टरों की सजा बदल गई है. इससे पहले डॉक्टरी लापरवाही से किसी मरीज की मौत होने पर डॉक्टरों पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगता था. लेकिन हाल ही में न्याय संहिता में हुए बदलाव में इस सजा में नरमी बरती गई है.
गृह मंत्री अमित शाह ने पारित करवाया विधेयक
आपको बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में लोकसभा में आपराधिक न्याय प्रणाली से जुड़े कुछ नए विधेयक पास किए थे. इसमें डॉक्टरों की लापरवाही के चलते हुई मौत पर सजा के प्रावधान में बदलाव किया गया है. अब नए विधेयक के अनुसार अगर किसी मेडिकल लापरवाही की वजह से मरीज की मौत होती है तो इसे गैर इरादतन हत्या नहीं माना जाएगा और इस संबंध में डॉक्टर को जेल की सजा भी कम होगी. इससे पहले के विधेयक में मरीज की मौत होने पर डॉक्टर पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगता था और उसे दो साल की सख्त सजा का प्रावधान था. नए कानून में केवल दो साल की सजा का प्रावधान है.
अब डॉक्टर्स नहीं होंगे गैर-इरादतन हत्या के आरोपी
कहा जा रहा है कि डॉक्टरों की लापरवाही पर मरीज की मौत के संबंध में इस विधेयक में बदलाव के लिए मेडिकल एसोसिएशन ने गृह मंत्री को एक पत्र लिखा था. इस पत्र में विधेयक में डॉक्टरों की सजा पर फिर से विचार करने की अपील की गई थी. चिकित्सीय लापरवाही से जुड़ा विधेयक भारतीय न्याय संहिता (सैकेंड) से जुड़ा है और इसमें डॉक्टरों को जेल की सजा का प्रावधान था. नया आपराधिक कानून विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और इसे डॉक्टरों के लिए काफी हितकारी माना जा रहा है.
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