रैब्डो एक गंभीर इमरजेंसी बीमारी है. यह तब होता है जब बहुत ज्यादा वर्कआउट करने से मांसपेशियों में बहुत ज्यादा चोट लग जाती है. 'क्लीवलैंड क्लिनिक' के अनुसार रैबडोमायोलिसिस एक गंभीर चोट है जिसमें व्यक्ति की मांसपेशियां टूट जाती हैं. मांसपेशियों के टूटने पर आपकी मांसपेशियों के नसों में पाए जाने वाले ब्लड जमने लगते हैं आपके ब्लड सर्कुलेशन खराब हो सकती है. जिससे अंग को नुकसान पहुंच सकता है और दौरे पड़ सकते हैं. इसके कारण स्थायी विकलांगता हो सकती है और चरम मामलों में मृत्यु भी हो सकती है. हद से ज्यादा एक्सरसाइज और काफी ज्यादा फिजिकली एक्टिविटी के कारण मांसपेशियों को इतनी गंभीर चोट लग सकती है. जिससे इस स्थिति और क्रॉसफ़िट और HIIT प्रोग्राम जैसे गहन कसरत कार्यक्रमों के बीच संबंध बन जाता है.


CDC के अनुसार लक्षणों में शामिल हैं:


मांसपेशियों में सूजन और ऐंठन


कोमल, पीड़ादायक और कमज़ोर मांसपेशिया


भूरा, लाल या चाय के रंग का मूत्र


यह एक जानलेवा स्थिति है जो चोट लगने या बिना आराम के अत्यधिक व्यायाम करने के बाद हो सकती है.


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क्या रैब्डो की बीमारी आम है?


यह एक गंभीर मांसपेशी चोट है. क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, हर साल लगभग 26,000 लोग इस स्थिति से पीड़ित होते हैं. जिसमें युवा पुरुष सबसे ज़्यादा जोखिम वाले जनसांख्यिकी में से एक हैं. 2000 और 2019 के बीच रिपोर्ट किए गए मामलों का विश्लेषण करने वाले 2021 के एक अध्ययन से पता चला है कि दशकों के बीच अस्पताल जाने वालों की संख्या में 10 गुना वृद्धि हुई है.


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रैब्डो की बीमारी डिहाईड्रेशन के कारण हो सकती है. रैबडो का मतलब है रैबडोमायोलिसिस की बीमारी.  यह दुर्लभ स्थिति तब होती है जब मांसपेशियों की कोशिकाएं.  फट जाती हैं और उनकी सामग्री रक्तप्रवाह में लीक हो जाती है. इससे कमज़ोरी, मांसपेशियों में दर्द और गहरे या भूरे रंग के मूत्र सहित कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. यह क्षति इतनी गंभीर हो सकती है कि इससे किडनी में चोट लग सकती है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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