Rice Effect on Health: चावल हम भारतीयों की जान है. राजमा-चावल, छोले-चावल, दाल-चावल, मछली-भात जैसे घर के बने भोजन तो मानो हमारे शरीर की नहीं बल्कि हमारी आत्मा की भूख बुझाते हैं! आशा करते हैं कि हमारा ऐसा कहना आपको अति नहीं लगेगा. वैसे भी अति तो हर जगह वर्जित होती है.


आपने संस्कृत का ये श्लोक तो सुना-पढ़ा होगा 'अति सर्वत्र वर्जयेत्' इसका अर्थ कि अति हर चीज की बुरी होती है. यही बात चावल लवर्स पर भी लागू होती है. यानी हम सभी भारतीयों पर. वैसे आपको बता दें कि भारत के कुछ राज्य तो ऐसे हैं, जहां के ज्यादातर लोगों को दिन के खाने में तीनों समय चावल दे दो तो उन्हें कोई समस्या नहीं होगी!


अब इन्हें हो न हो लेकिन इनके शरीर को जरूर समस्या होने लगती है. चावल का अधिक सेवन कैसे शरीर पर बुरा असर डालता है और इससे बनाए गए व्यंजन कब और कैसे खाने चाहिए, यहां इसी बारे में बताया जा रहा है...


क्या चावल भी शरीर को नुकसान देता है?


सफेद चावल (White Rice) 100 ग्राम चावल में 123 कैलरी होती है और 0.4 ग्राम फैट होता है. जबकि 2.9 ग्राम प्रोटीन होता है और 30 ग्राम कार्ब्स होता है. अगर आप लंबे समय तक दिन के तीनों भोजन में चावल खाते हैं तो निश्चित रूप से इसका बुरा असर आपके शरीर पर दिखने लगता है. अधिक मात्रा में चावल खाने से शरीर को क्या-क्या नुकसान पहुंचते हैं, इस बारे में यहां जानें...


पेट फूलने की समस्या 
क्या आप भी उन लोगों में शामिल हैं, जिन्हें खाना खाते ही पेट फूलने की समस्या होने लगती है? अगर हां तो आपको अपनी प्लेट पर नजर डालनी होगी. सिर्फ किसी एक समय नहीं बल्कि अपनी डेली डायट को नोटिस करें. क्योंकि जो लोग लंबे समय तक अधिक मात्रा में चावल का सेवन करते रहते हैं, उन्हें एक समय बाद पेट में जलन, सीने में जलन और पेट फूलने जैसी समस्याएं होने लगती हैं. ऐसा चावल में पाए जानेवाले स्टार्च के कारण होता है.


वजन बढ़ने की समस्या
चावल का अधिक सेवन आपके बढ़ते वजन का कारण हो सकता है.  हालांकि ऐसा चावल अधिक खाने के साथ ही उस स्थिति में होता है जब चावल खाते ही आप बिस्तर पर पहुंच जाएं. जो लोग संतुलित मात्रा में चावल खाते हैं और फिजिकली ऐक्टिव भी रहते हैं, उनके शरीर पर इसका ऐसा असर कम ही देखने को मिलता है.


ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने की वजह
 
ग्लाइसेमिक इंडेक्स में चावल को हाई ग्लाइसेमिक फूड्स की श्रेणी में रखा गया है.  Glycemic Indes(GI)के माध्यम से यह मापा जाता है कि किस फूड से मिलने वाले कार्ब्स को शरीर कितनी तेजी से शुगर में कनवर्ट कर लेता है और यह शुगर शरीर के अंदर तेजी से ब्लड में घुल जाती है. इस श्रेणी में सभी फूड्स को 0 से 100 के बीच रखा गया है, जिनमें 0 से 55 तक की ग्लाइसेमिक इंडेक्स में आने वाले फूड लो जीई, 56 से 69 वाले मीडियम जीआई और 70 से 100 वाले फूड्स हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स में काउंट किए जाते हैं.


सफेद चावलों का जीआई स्तर 64 है. यानी ये मध्यम गति से शरीर में शुगर का स्तर बढ़ाते हैं. यदि इनका अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो डाइप-टू डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. जबकि ब्राउन राइज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स नंबर 55 है. इसलिए यदि आप हर दिन चावल खाना ही चाहते हैं तो ब्राउन राइज का सेवन भी शुरू करें.


चावल से बने व्यंजन और इनका सेवन


चावल के साथ ही इससे बने फूड्स भी बहुत अधिक पसंद किए जाते हैं. देश के अलग-अलग राज्यों में चावल से कई तरह के मीठे और नमकीन पकवान बनाए जाते हैं. इन्हें खाने में कोई बुराई नहीं है लेकिन सिर्फ तब तक जब तक आप इन्हें कभी-कभी स्वाद के लिए खाएं. यदि पेट भरने के लिए खाएंगे तो सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ेगा. क्योंकि चावल का जीआई इंडेक्स तो वैसे ही हाई होता है. इस पर चावल से व्यंजन तैयार करने के लिए इसमें शुगर या सॉल्ट मिलाया जाता है और इन्हें डीप फ्राई किया जाता है. इससे इनमें कैलरी की मात्रा और हार्मफुल फैट की मात्रा बढ़ जाती है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 


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