कोरोना महामारी के बीच मानसून और मच्छरों ने मुसीबत बढ़ा दी है. मासून के दौरान आपकी छोटी लापरवाही सेहत के लिए भारी पड़ सकती है. केंद्र सरकार ने मानसून में मच्छरों से सावधान रहने की अपील की है. स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, "बारिश के मौसम में मच्छरों से पैदा होनेवाली बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है. भोजन को सही ढंग से इस्तेमाल नहीं करना जैसे सही तरीके से नहीं पकाने पर खाने से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं.
कोविड के बीच मानसून में बढ़ा खतरा
उसके अलावा, पानी से होनेवाली बीमारियां और स्किन से जुड़े संक्रमण का भी डर रहता है." मानसून में मलेरिया, डेंगू, एन्फलुएंजा, चिकनगुनिया के प्रति विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है. बारिश के मौसम में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होने से कोरोना के हमले का खतरा बढ़ने का डर रहता है. केंद्र सरकार का कहना है कि कोरोना के साथ जुड़ने पर मलेरिया जैसी ये बीमारी ज्यादा खतरनाक हो सकती है.
न्यूयॉर्क में किडनी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर धीरज कौल केंद्र सरकार की नई चेतावनी पर कहते हैं, "जब आपके अंदर डेंगू का वायरस या मलेरिया का पैरासाइट घुसता है, तो हमारे इम्यून सिस्टम पर फर्क पड़ता है, और अगर आपका इम्यून सिस्टम पहले से ही कमजोर है, तो दूसरे संक्रमण और उससे बीमार होने का जोखिम ज्यादा बढ़ जाता है." दरअसल, मौसमी बीमारियों का कोविड-19 के साथ मिलना अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत और मौत का जोखिम फैक्टर है. क्लीनिकल इंफेक्शीसियस डिजीज पत्रिका में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, डेंगू की चपेट में आ चुके लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर कोविड-19 के लक्षण विकसित होने की दोगुनी संभावना होती है. शोधकर्ताओं का कहना है कि डेंगू वायरस के खिलाफ काम करनेवाली एंटीबॉडीज किसी हद तक कोविड-19 को खराब करती है.
मॉनसून में मच्छरों से बचने के उपाय
मच्छर की ब्रीडिंग को रोकना जरूरी है.
घर में मच्छरदानी का प्रयोग करें.
घर में और आसपास पानी जमा न होने दें.
साफ-सफाई का खास ध्यान रखें.
घर से बाहर या अंदर भी मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाएं.
मानसून के समय में पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें.
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