दही ब्रांड एपिगामिया के सह-संस्थापक रोहन मीरचंदानी का एक दिन पहले 42 साल की आयु में निधन हो गया. उनके परिवार के सदस्यों ने पुष्टि की कि उनकी हार्ट अटैक के कारण हुई. हाल के दिनों में युवाओं में हृदयाघात की समस्या का एक परेशान करने वाला चलन देखने को मिला है. यह भी देखा गया है कि सर्दी का मौसम इसके लिए एक ट्रिगर की तरह काम करता है.


सर्दियों में दिल के दौरे कई कारणों से आम हैं, जिनमें ठंड का मौसम, तनाव और अस्वस्थ आदतें शामिल हैं. जब ठंड होती है, तो आपके शरीर का तापमान को बनाए रखने के लिए रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देता है, जिससे रक्तचाप और हृदय गति बढ़ जाती है. इससे आपके दिल को रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जो दिल की बीमारियों वाले लोगों के लिए विशेष रूप से कठिन हो सकता है.


तनाव
तनावपूर्ण छुट्टियां, जैसे कि समारोहों का प्रबंधन करना या ससुराल वालों से निपटना, दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ा सकता है. सोमवार की सुबह तनाव का स्तर भी बढ़ सकता है. छुट्टियों के दौरान, लोग अधिक अस्वास्थ्यकर भोजन खा सकते हैं, अधिक शराब पी सकते हैं और कम व्यायाम कर सकते हैं.


ठंड बढ़ने के साथ ही दिल पर दबाव बढ़ता है. क्योंकि ठंड में धमनियों के सिकुड़ने से बीपी हाई हो जाता है और दिल पर दबाव बढ़ जाता है. इसलिए दिल की बीमारियों के साथ-साथ सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले भी बढ़ जाते हैं.
सर्दियों में लोगों की शारीरिक हलचल कम हो जाती है. ठंड के कारण वे बिस्तर से बाहर नहीं निकलना चाहते. वे बाहर कम घूमते हैं. इस आलस्य के कारण दिल को खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा जो लोग सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं, उनमें भी निमोनिया के कारण हार्ट फेल होने की संभावना 6 गुना अधिक होती है.


हालांकि, दिल का ख्याल सिर्फ सर्दियों में ही नहीं बल्कि हर मौसम में रखना जरूरी है. क्योंकि पिछले 32 सालों में हृदय रोग से होने वाली मौतों के मामलों में 60 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. हर साल अकेले हार्ट अटैक से 2 करोड़ लोगों की मौत होती है. इसलिए दिल को स्वस्थ रखने के लिए 6-7 घंटे की नींद जरूर लें. इसके साथ ही हर दिन 30-40 मिनट योगाभ्यास भी जरूरी है ताकि दिल स्वस्थ रहे। स्वामी रामदेव से जानिए दिल को स्वस्थ रखने के उपाय?


दिल के दुश्मन कौन से हैं?


हाई बीपी, मोटापा, शुगर, कोलेस्ट्रॉल, गठिया और यूरिक एसिड दिल के दुश्मन हैं. सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि धमनियां सिकुड़ जाती हैं और इससे रक्त प्रवाह प्रभावित होता है, रक्तचाप बढ़ता है और हृदय पर दबाव पड़ता है. 5 साल में हृदय रोग के मामलों में 53 फीसदी की वृद्धि हुई है. युवाओं में हृदय संबंधी समस्याओं के लिए अनियमित दिल की धड़कन सबसे बड़ी समस्या है.


रोकथाम के उपाय
अपने आहार में हृदय के लिए सुपरफूड जैसे अलसी, लहसुन, दालचीनी और हल्दी शामिल करें.


बीपी की समस्या दूर करें, खूब पानी पिएं, तनाव और टेंशन कम करें, समय पर खाना खाएं, जंक फूड न खाएं और 6-8 घंटे की नींद लें.


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धूम्रपान और शराब से बचें क्योंकि ये दिल के सबसे बड़े दुश्मन हैं.


अपने आहार में लौकी का कल्प, लौकी का सूप, लौकी की सब्जी और लौकी का जूस शामिल करके अपने दिल को स्वस्थ बनाएं.


दिल को मजबूत बनाने के लिए प्राकृतिक उपाय आजमाएं - 1 चम्मच अर्जुन की छाल, 2 ग्राम दालचीनी, 5 तुलसी, सभी चीजों को पानी में उबालकर काढ़ा बना लें. इसे रोजाना पीने से ब्लॉकेज दूर हो जाएगा.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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