क्या कहती है रिसर्च-
एक 51 साल की महिला की हाल ही में हियरिंग सर्जरी हुई है जिसमें रोबोट ने असिस्ट किया है. ये महिला पहली ऐसी पेशेंट बन गई हैं जिनकी सर्जरी के दौरान रोबोट ने असिस्ट किया है. पहला ऑपरेशन क्लीनिकल ट्रायल के तौर पर किया गया था.
कैसे की गई रिसर्च-
सर्जिकल सिस्टम में रोबोट को शामिल किया गया था और ये सर्जरी का सबसे रिस्की पार्ट था. इस सर्जरी में कान के अंदर स्कल की बोन के जरिए एक टनल बनानी थी. सर्जरी में रोबोटिक ड्रिल का इस्तेमाल किया गया. रोबोट ने बहुत ही बेहतरीन ढंग से अपना काम किया. ये रोबोट सुरक्षा उपायों से सुसज्जित है यहां तक कि इसमें ऑप्टिकल कैमरा भी लगा हुआ है जो कि रोबोट को 25 माइक्रोन (इंसान के बालों की चौड़ाई से भी कम) से ट्रैक कर सकता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
स्विटजरलैंड की बर्न यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्टीफन वेबर कहते हैं कि अभी हमारी प्रक्रिया पहले चरण पर है. इसमें अभी और सर्जिकल एप्रोच होना बाकी है. उनका कहना है कि रोबोट द्वारा की गई हियरिंग इंप्लांट के बेहतर रिजल्ट की हम उम्मीद कर रहे हैं.
शोधकर्ताओं का कहना है कि माइक्रास्कोपिक स्केल पर काम करते हुए इंसानों पर टेस्ट करने की कुछ लिमिटेशंस हैं. अगर इस सीमा को पार किया जाएगा तो उन्हें क्षति पहुंच सकती है.
रिसर्च के नतीजे-
65,000 इंसानों पर काक्लीअर इंप्लांट सर्जरी के बाद नतीजों के तौर पर पाया गया कि तकरीबन 30 से 35 पर्सेंट मरीज इसके तहत सुनने की क्षमता खो देते हैं. जबकि रोबोटिक्स के जरिए सर्जरी को कौशलता से किया जा सकता है. ये बात सर्जंस के परसेप्शन को सरपास करती है.
इस प्रोसिजर में रोबस्ट कंप्यूटर पेशेंट के स्कल स्ट्रक्चर का एनालिसिस करता है और रोबोटिक ट्रीटमेंट प्लान को पर्सनलाइज़ करता है. ये ब्लू् प्रिंट सर्जरी से पहले और बाद में कई सेफ्टी प्लांस से मेजर होता है. साथ ही ये भी वैरीफाई करता है कि रोबोट ने ड्रिलिंग सही लोकेशन पर की है या नहीं.
सबसे इंपोर्टेंट बात ये है कि रोबोटिक पोर्शन के सिस्टम में सेंसर्स लगे हुए हैं जो कि हर स्टेप पर कन्फर्म करते हैं कि रोबेाट क्रिटिकल स्ट्रक्चर में सेफ डिस्टेंस पर है. साथ ही इसने आसपास के टिश्यूज को डैमेज नहीं किया है.
इस रिसर्च को साइंस रोबोटिक्स जर्नल में पब्लिश किया गया है.