Cholesterol Effect On Body: आज की खराब लाइफ स्टाइल की वजह से कई बीमारियां ह्यूमन बॉडी में घर कर रही हैं. हाईब्लड प्रेशर, शुगर, डिप्रेशन, एंजायटी ऐसे ही रोग है. समय रहते पहचानने पर इनका इलाज बेहतर किया जा सकता है. देर हो जाए तो घातक हो जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बॉडी की ब्लड वेसल्स में जमा होने वाला एक तत्व कई गंभीर बीमारियों को इनवाइट कर सकता है. आज हम बात कर रहे हैं कोलेस्ट्रोल की, बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रोल हर्ट स्ट्रॉक, डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर व अन्य रोगों का मुख्य कारक हो सकता है. खुद एनसीबीआई (NCBI) के आंकड़ों में India में करीब 30 प्रतिशत शहरी और 20 प्रतिशत ग्रामीणों का कोलेस्ट्रॉल बढ़ा मिला है. समझते हैं कि कैसे यह तत्व नसों में जमकर लोगों की लाइफ लाइन घटा रहा है.
बना सकता है heart patient
बॉडी में दो तरह का कोलेस्ट्रॉल होता है. एक गुड और दूसरा बेड. जैसे कि नाम से ही क्लियर है कि बेड कोलेस्ट्रॉल ह्यूमन बॉडी के लिए घातक हो सकता है. दरअसल यह नसों में जाता है. नसों से ही ब्लड दिल तक जाता है और हार्ट उसे पंप कर बॉडी के बाकी हिस्सों में भेजता है. नसों में कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाये तो ब्लड सप्लाई प्रभावित होती है. इससे हार्ट अटैक आने की संभावना बढ़ जाती है. डॉक्टरों का कहना है कि कॉलेस्ट्राल बढ़ने से हार्ट अटैक पड़ने का खतरा अधिक होता है.
पैरों को दे सकता है दर्द
यह पैरों को भी दर्द दे सकता है. होता यह है कि जब यह ब्लड वेसल्स में जमा होता है तो सभी पार्ट्स को ब्लड सप्लाई रुकने लगती है. ऐसे में हर पार्ट ब्लड की मांग करता है और दिल जोर लगाता है. ब्लड सप्लाई न होने पर पैरों में पेन शुरू हो जाता है. कई बार यह बहुत अधिक तो कई बार बहुत कम होता है. कई बार व्यक्ति अधिक देर तक खड़ा भी नहीं रह पाता.
Hypertension का हो सकते हैं शिकार
कोलेस्ट्रॉल सीधे तौर पर हार्ट को इफेक्ट करता है. इससे ब्रेन समेत बॉडी के हर हिस्से पर काम करने का दबाव बढ़ता है. बीमारियां बढ़ती हैं तो उसी से हाइपरटेंशन व्यक्ति को अपनी चपेट में लेना शुरू कर देता है. डाइबिटिक होने की संभावना भी होती है.
ऐसे करें कम
बालों का झड़ना, पैरों में सुन्नपन, पैरों में छालों का सही न होना, पैरों की मांसपेशियों का सिकुड़ना, पैरों का रंग नीला या पीला पड़ना इसके लक्षण हैं. कोलेस्ट्रॉल बढ़े ही नहीं, इसके लिए फलों, सब्जियों और साबुत अनाज खाए. सभी प्रकार के प्रसंस्कृत और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों से परहेज करना शुरू कर दें। डेली योग और एक्सरसाइज करें. धूम्रपान और शराब कम कर कोलेस्ट्रॉल सुधारा जा सकता है.
Sound sleep लेना जरूरी
एक स्टडी में सामने आया है कि जो पुरुष रात में 6 घंटे से कम सोते हैं. उनमें एलडीएल कोलेस्ट्रॉल अधिक होता है। यह बेड कोलेस्ट्रॉल होता है. दूसरी ओर, उतनी ही देर सोने वाली महिलाओं में एलडीएल कम था. उन्होंने यह भी पाया कि नींद के दौरान खर्राटे लेने वाले पुरुषों और महिलाओं में भी एचडीएल यानि गुड कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम मिला.
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