दिन में कुछ देर दौड़ना सेहत को चुस्त और दुरुस्त रखता है. बशर्ते दौड़ने का तरीका सही हो. जब ज्यादातर लोग टूटी सड़कों और पथरीले रास्तों पर चलने की बजाय दौड़ने की कोशिश करते हैं तो चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि, दौड़ना अपने आप में एक संपूर्ण कसरत है. शरीर के दूसरे अंगों के अलावा यह घुटनों के लिए भी फायदेमंद साबित होता है. इसके बावजूद कुछ लोगों को दौड़ने के बाद घुटनों में दर्द और सूजन की शिकायत होती है . घुटनों की सेहत के लिए दौड़ना फायदेमंद है या नुकसानदायक.
घुटने की सेहत और दौड़ने को लेकर क्या कहता है शोध
'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ' के मुताबिक दो दशक तक धावकों और न दौड़ने वालों पर शोध किया गया. इसमें पाया गया कि 20 फीसदी धावकों में ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षण दिखे. जबकि न दौड़ने वालों की संख्या 32 फीसदी थी. शोध के मुताबिक, दौड़ने से घुटनों पर चलने से ज्यादा दबाव पड़ता है. लेकिन साथ ही घुटनों की हड्डियां मजबूत होने लगती हैं. दौड़ने और घुटनों के दर्द के बढ़ने के बीच कोई संबंध नहीं है. जिन लोगों को घुटनों में हल्का दर्द रहता है, उनके लिए दौड़ना फायदेमंद है.
घुटनों पर दौड़ने का असर
ज्यादातर लोगों का मानना है कि दौड़ते समय पैर ज़मीन पर ज़ोर से टकराते हैं, जिससे घुटने की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है. लेकिन यह सच नहीं है, सच तो यह है कि सपोर्टिव शूज़ पहनकर दौड़ना एक संपूर्ण कसरत कहलाता है. दौड़ते समय घुटनों पर पड़ने वाले दबाव से जोड़ों में तरल पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है. जिससे चिकनाई बनी रहती है और जोड़ों की समस्याएं दूर होती हैं.
1. गठिया का जोखिम कम होता है
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा मैराथन धावकों पर किए गए शोध में पाया गया कि दौड़ने से गठिया का जोखिम नहीं बढ़ता है. जब शरीर दौड़ने की स्थिति में आता है, तो घुटनों पर दबाव बनना शुरू हो जाता है. जिससे उनकी गतिशीलता बेहतर होती है. यह एक कार्डियो एक्सरसाइज़ है जिसे करने के लिए किसी उपकरण की ज़रूरत नहीं होती.
2. जोड़ों में चिकनाई बढ़ाएँ
घुटने का जोड़ चारों तरफ़ से मुलायम ऊतकों से घिरा होता है। इसे सिनोवियल मेम्ब्रेन कहते हैं, जो चिकनाई पैदा करता है। इसकी मदद से दौड़ते या चलते समय हड्डियां एक-दूसरे के पास ज़्यादा आसानी से चलती हैं. नियमित कसरत और दौड़ने से शरीर में सिनोवियल द्रव का उत्पादन उत्तेजित होता है। इससे लंबे समय में जोड़ों की समस्याओं को रोका जा सकता है.
3. हड्डियों को मजबूत बनाएं
उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों की कमजोरी बढ़ती जाती है. लेकिन नियमित रूप से दौड़ने से पैरों की मांसपेशियों में कसावट कम होकर हड्डियां मजबूत होती हैं. ऐसे में दौड़ने से पहले थोड़ा वार्म-अप करना फायदेमंद होता है। इससे चोट लगने से बचा जा सकता है।
4. जोड़ों में रक्त संचार बढ़ता है
दौड़ने से दिल की धड़कन तेज होती है और शरीर में रक्त संचार बढ़ता है। नियमित रक्त आपूर्ति से सिनोवियल झिल्ली को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होती है। इससे ऊतकों की मरम्मत में मदद मिलती है।
घुटने के दर्द से बचने के उपाय
स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें: मांसपेशियों में कसावट के कारण खराब फॉर्म होता है, जिससे दौड़ते समय चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में दौड़ने से पहले स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें। इससे मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ता है और लंबे समय तक दौड़ने में मदद मिलती है।
धीमी से तेज की ओर बढ़ें: शरीर को सक्रिय रखने और थकान से बचने के लिए पहले धीरे-धीरे चलें और फिर तेज चलना शुरू करें। इससे दौड़ने की अवधि बेहतर होती है और शरीर सक्रिय रहता है। बहुत तेज और बहुत ज्यादा जोर लगाने का नियम घुटनों के लिए परेशानी बढ़ा सकता है.
शरीर की क्षमता का ख्याल रखें: जितना आपके शरीर की सहनशक्ति अनुमति दे उतना ही दौड़ें। अपने शरीर की क्षमता से ज़्यादा दौड़ने से शरीर को नुकसान पहुँचना शुरू हो जाता है। इससे शरीर में हर समय थकान और कमज़ोरी बनी रहती है, जिससे लंबे समय के लक्ष्यों को हासिल करना मुश्किल हो जाता है.
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घुटने की स्लीव पहनें: अपने घुटनों को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए दौड़ने से पहले घुटने की स्लीव पहनना न भूलें। इससे दौड़ते समय भी पैरों की गतिशीलता बनाए रखने में मदद मिलती है। इससे घुटने की ऐंठन समेत किसी भी तरह के जोखिम को रोका जा सकता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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