रूस इतिहास और संस्कृति से भरा हुआ है और घूमने के लिए एक बेहतरीन जगह है. रूस घूमने जाना आसान और सस्ता दोनों है. बहुत से लोग न सिर्फ घूमने के लिए बल्कि इलाज के लिए भी रूस जाते हैं. आज हम बात करेंगे कि अगर रशियन महिला के एग्स से IVF करवाया जाए तो क्या बच्चा खूबसूरत पैदा होगा? 


दरअसल, आप कुछ और सोचें इससे पहले आपको बता दें कि ज्यादातर लोग जब आईवीएफ क्लिनिक इलाज के लिए जाते हैं. वह ऐसी तमाम डिमांड रखते हैं, डॉक्टर्स से पूछा जाता है कि कैसे उनका बच्चा अलग और खूबसूरत हो सकता है. आसान बोलचाल की भाषा में कहें तो आजकल लोग डिजाइनर बच्चे की मांग करते हैं. कुछ लोग तो शाहरुख खान जैसी आंखों की डिमांड करते हैं. 


रूस में कुल 140 फर्टिलिटी क्लीनिक हैं


रूस में लगभग 140 प्रजनन क्लीनिक हैं और इनमें से कई IVF इलाज के लिए विदेशी मरीजों को अपनी तरफ एट्रेक्ट करते हैं ये निजी क्लीनिक मुख्य रूप से मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग में काम करते हैं. क्लीनिक समझते हैं कि अच्छा संचार बहुत महत्वपूर्ण है और इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए अंग्रेजी बोलने वाले कर्मचारियों को नियुक्त करते हैं कि इलाज के दौरान संचार में कोई समस्या न हो.


 IVF इलाज के लिए रूस जाने के कारण बुल्गारिया के समान ही हैं. इलाज की कीमत पश्चिम की तुलना में कम है, और निश्चित रूप से प्रतीक्षा सूची की कमी है. हालांकि, रूसी कानून थोड़े अलग हैं क्योंकि वे गुमनाम और गैर-गुमनाम दोनों तरह के दान की अनुमति देते हैं. इसका मतलब है कि लोगों के पास दानकर्ता के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए अधिक विकल्प हो सकते हैं.


बच्चे का रंग, आकार या गुण इस बात पर निर्भर करता है


कहते हैं जैसी मां रहती है तो बच्चा उसी पर जाता है. इस मामले में हमने डॉक्टर सरोज यादव से बात की . इस पर उन्होंने कहा कि हां अगर रशियन मां के एग्स से IVF करवाया जाएगा तो बच्चा खूबसूरत होने के चांसेस बढ़ जाएंगे. क्योंकि मां के Gene  का बच्चे पर काफी ज्यादा फर्क पड़ता है.  लेकिन यह बात भी ध्यान देने वाली बात है कि अंडे और शुक्राणु में से प्रत्येक में गुणसूत्रों के एक सेट का आधा हिस्सा होता है. अंडा और शुक्राणु मिलकर बच्चे को गुणसूत्रों का पूरा सेट देते हैं. इसलिए, बच्चे का आधा डीएनए मां से और आधा पिता से आता है .


माता-पिता में दोनों में से जिसका Gene ज्यादा डॉमिनेटिंग रहेगा बच्चा उसी पर जाएगा. ऐसा बिल्कुल नहीं है कि अगर मां काली तो बच्चा काला या मां गोरी है तो बच्चा गोरा. माता-पिता में से जिसका Gene ज्यादा डॉमिनेटिंग रहेगा बच्चा उसी पर जाता है. 


कई अन्य देशों की तरह, रूस में दाताओं का कोई केंद्रीय रजिस्टर नहीं है, इसलिए, सिद्धांत रूप में, एक महिला कई बार अलग-अलग क्लीनिकों में दान कर सकती है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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