प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के हार्मोनल चेंजज होते हैं. इसलिए डॉक्टर्स प्रेग्नेंसी के दौरान पोषक तत्व से भरपूर खाना खाने की सलाह देते हैं. वहीं घर की बड़े-बुजुर्ग प्रेग्नेंट महिला को केसर खाने की सलाह देते हैं. क्योंकि उनका मानना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान केसर खाने से बच्चे का रंग गोरा होता है.  अब सवाल यह उठता है कि क्या सच में केसर खाने से बच्चे का रंग गोरा होता है? 


यह कोई नई बात नहीं है, हम ऐसी बातें अक्सर अपने घर परिवार और आसपास के लोगों को बोलते कभी न कभी सुना होगा. यह बाते दशकों से चली आ रही है.सिर्फ प्रेग्नेंसी को लेकर ही नहीं ऐसी कई सारी बातें हैं जिन्हें लेकर अक्सर लोग बोलते हैं. 'एबीपी लाइव हिंदी' ने ऐसी बातों को लेकर एक खास सीरीज शुरू किया है.


दरअसल,  हमारे भारतीय समाज में ऐसी कई बातें हैं जिसके पीछे कोई लॉजिक नहीं है लेकिन उससे सच मानकर लोग आंख बंद करके फॉलो करते हैं. सबसे हैरानी की बात यह है कि बातें मिथ होते हुए भी यह सच्चाई पर भारी पड़ती है . ऐसी बातों को लेकर 'एबीपी लाइव हिंदी' की खास पेशकश है Myth Vs Facts.  'Myth Vs Facts सीरीज' की कोशिश है कि आपको दकियानूसी बातों की दलदल से निकालकर आपतक सच्चाई पहुंचाना.


Facts Check: प्रेग्नेंसी में केसर खाने से बच्चे का रंग गोरा होता है...?


हमने आसपास-फैमिली में लोगों को कहते सुना है कि प्रेग्नेंसी में केसर वाला दूध पीने से बच्चे का रंग गोरा होता है. लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक केसर वाला दूध पीने से बच्चे का रंग गोरा होता है इसमें कोई सच्चाई नहीं है. गर्भ में पल रहे बच्चे का रंग, रूप और माता-पिता के जीन्स पर आधारित होती है न कि केसर खाने से बच्चे के रंग का फैसला होता है.


बच्चा गोरा हो गया काला यह सबकुछ माता-पिता के जिन्स पर निर्भर करता है. कुछ संस्कृतियों में माना जाता है कि केसर आपके बच्चे की त्वचा को गोरा बनाता है. हालांकि, ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि गर्भावस्था के दौरान केसर खाने से बच्चे के रंग पर इसका प्रभाव पड़ता है. 


वहीं डॉक्टर्स का मानना है कि केसर खाने से पाचन सही रहता है. जो गर्भावस्था से संबंधित पाचन समस्याओं जैसे कि कब्ज और सूजन को कम कर सकता है. केसर का गर्भाशय के संकुचन पर पॉजिटिव असर होता है. जो प्रसव के दौरान फायदेमंद होता है.


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