गुजरे जमाने की दिग्गज अभिनेत्री सायरा बानो ने अपने पति दिलीप कुमार के बारे में बड़ा खुलासा किया. उन्होंने बताया कि शादी से पहले से ही दिलीप कुमार इनसोम्निया से पीड़ित थे. उनकी हालत इतनी ज्यादा गंभीर थी कि नींद की गोली खाने के बाद भी वह पूरी-पूरी रात सो नहीं पाते थे. क्या आप भी इस तरह की दिक्कत से जूझ रहे हैं तो आइए जानते हैं कि इसका टेस्ट कैसे करा सकते हैं? यह बीमारी होने की वजह क्या है और इसका इलाज क्या है? 


क्या होता है इनसोम्निया?


गाजियाबाद स्थित यशोदा हॉस्पिटल में जनरल फिजिशियन डॉ. एपी सिंह ने बताया कि इनसोम्निया बेहद कॉमन स्लीपिंग डिसऑर्डर है, जिसकी वजह से नींद या तो बेहद मुश्किल से आती है या मरीज पूरी रात जागकर गुजार देता है. कई बार ऐसा भी होता है कि मरीज जल्दी उठ जाता है और दोबारा कोशिश करने पर भी वह सो नहीं पाता. वहीं, नींद खुलने के बाद थकान महसूस होती है. दरअसल, इनसोम्निया में एनर्जी लेवल एकदम डाउन हो जाता है और पीड़ित व्यक्ति का मूड बेहद खराब रहता है. इसकी वजह से संबंधित व्यक्ति की सेहत और वर्क परफॉर्मेंस पर भी असर पड़ता है.


कितने घंटे की नींद होती है जरूरी?


इनसोम्निया के बारे में विस्तार से जानने से पहले यह समझ लीजिए कि आम इंसान को कितनी नींद की जरूरत होती है. दरअसल, नींद की जरूरत हर शख्स के हिसाब से अलग हो सकती है. हालांकि, एक एडल्ट व्यक्ति को कम से कम सात से नौ घंटे तक जरूर सोना चाहिए. 


कैसे होता है इनसोम्निया?


गौर करने वाली बात यह है कि अधिकतर लोगों को शॉर्ट टर्म इनसोम्निया अक्सर होता है, जो कई दिन या हफ्तों तक बरकरार रहता है. शॉर्ट टर्म इनसोम्निया की वजह स्ट्रेस या ज्यादा थकान हो सकते हैं. हालांकि, कुछ लोगों को लॉन्ग टर्म इनसोम्निया होता है, जो बेहद गंभीर होता है. जब दिक्कत तीन महीने से ज्यादा वक्त तक बरकरार रहती है तो इनसोम्निया की वजह से सेहत को दिक्कत होने लगती है. इससे निपटने के लिए दवाओं की जरूरत होती है.


कैसे होते हैं इनसोम्निया के लक्षण?


डॉ. एपी सिंह के मुताबिक, रात में बमुश्किल नींद आना इनसोम्निया का प्रमुख लक्षण है. इसके अलावा रात में नींद खुल जाना, देर से सोने के बाद भी बहुत जल्दी उठ जाना, दिनभर थकान या नींद जैसा महसूस होना, चिड़चिड़ापन महसूस करना और नींद को लेकर चिंता करना भी इसी बीमारी के लक्षणों में शामिल है. 


समय से पहले 'बूढ़ा' बना देता है इनसोम्निया


लॉन्ग टर्म इनसोम्निया की वजह स्ट्रेस, गलत लाइफस्टाइल की वजह से नींद नहीं आना हो सकती है. कामकाज, स्कूल, आर्थिक स्थिति और परिवार से संबंधित चीजों के बारे में सोचते-सोचते नींद नहीं आती है तो आप इनसोम्निया से पीड़ित हो सकते हैं. अगर आप बहुत ज्यादा सफर करते हैं या आपका वर्क शेड्यूल काफी ज्यादा हेक्टिक है तो भी इनसोम्निया हो सकता है. बता दें कि इनसोम्निया की वजह से सेहत संबंधित कई अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं. गौर करने वाली बात यह है कि इनसोम्निया गंभीर हो जाए तो व्यक्ति समय से पहले बूढ़ा दिखने लगता है.


क्या है इनसोम्निया का इलाज?


इनसोम्निया से निजात घरेलू नुस्खों से भी पाई जा सकती है. इस बीमारी से परेशान शख्स को रोजाना एक्सरसाइज करनी चाहिए. अगर आप शराब का सेवन और धूम्रपान करते हैं तो उसे छोड़ देना चाहिए. जिस कमरे में आप सोते हैं, वहां सभी लाइटें बंद कर दें, जिससे रोशनी की वजह से नींद खराब न हो. सोने से पहले चाय या कॉफी नहीं पीनी चाहिए. अगर इन सभी नुस्खों को आजमाने के बाद भी राहत नहीं मिल रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.


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