Samantha Ruth Prabhu Diagnosis Of Myositis: साउथ की मशहूर एक्ट्रेस सामंथा रूथ प्रभु अपनी आने वाली फिल्म को लेकर सुर्खियों में छाई हुई हैं. उनकी फिल्म खुशी रिलीज होने वाली है. वहीं फिल्म की रिलीज डेट सामने आते ही सामंथा की बीमारी को लेकर भी हर तरफ बात हो रही है.
ऐसा इसलिए क्यों कि साल 2022 में समांथा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह मायोसाइटिस नाम की बीमारी से जूझ रही हैं. इसके कारण वह अपने काम से कुछ सालों से ब्रेक लिया था. आइए विस्तार से जानें 'मायोसाइटिस' की बीमारी क्या है?
मायोसाइटिस बीमारी क्या है?
दरअसल, मायोसाइटिस की बीमारी में इंसान की इम्युनिटी मांसपेशियों पर अटैक कर देती है. जिसके कारण शरीर में सूजन होने लगती है. यह सूजन इतनी ज्यादा खतरनाक होती है कि यह आपके मांसपेशियों को कमजोर करने लगते हैं. जिसके कारण शरीर में गंभीर दर्द शुरू होने लगते हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मायोसाइटिस एक तरह की मायोपैथी है. यह उन बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है जो हड्डियों से जुड़ी मांसपेशियों को काफी ज्यादा प्रभावित करती है. मायोसाइटिस के कई प्रकार होते हैं जो शरीर के मांसपेशियों को कई तरह से प्रभावित करते हैं.
मायोसाइटिस के लक्षण?
मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द होना
जोड़ों में दर्द और हमेशा थकान रहना
दर्द,सूजन के साथ-साथ थकान होना
सांस लेने में परेशानी होना या किसी भी चीज को खाने में दिक्कत होना.
मायोसाइटिस के कारण
ऐसा नहीं है कि एक बीमारी आदमी को ही यह दिक्कत हो सकती है. बल्कि यह बीमारी एक हेल्दी इंसान को भी हो सकती है. मायोसाइटिस एक ऑटोइम्यून बीमारी है. ऑटोइम्यून बीमारियां आपकी इम्युनिटी बाहरी बीमारियों से रक्षा करने के बजाय इस बीमारी में आप पर ही हमला करने लगती है. ऑटोइम्यून बीमारियों वाले लोगों में मायोसाइटिस विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है.
ल्यूपस
रूमेटाइड गठिया
स्क्लेरोडर्मा
कुछ लोगों में वायरल संक्रमण होने के बाद मायोसाइटिस विकसित हो जाता है. जैसे- सर्दी, जुकाम, इन्फ्लुएंजा, एचआईवी आदि शामिल है.
मायोसाइटिस का इलाज कैसे किया जाता है?
मायोसाइटिस का इलाज करने के लिए सबसे पहले आपके आपके पूरे शरीर का टेस्ट करना बेहद जरूरी है. यह जरूरी टेस्ट इस प्रकार है.
ब्लड टेस्ट
एमआरआई
ईएमजी (इलेक्ट्रोमोग्राफी)
बायोप्सी
मायोसाइटिस का इलाज
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फिलहाल इस बीमारी का कोई खास इलाज नहीं है. इस बीमारी में डॉक्टर मरीज की डेली लाइफस्टाइल रूटीन पर नजर रखता है. साथ ही आपके शरीर में किस तरह के बदलाव हो रहे हैं उसका भी ध्यान रखता है. यह लक्षणों को देखकर तब तक इलाज करता है जब तक आपकी बीमारी ठीक न हो जाए या कंट्रोल में न हो जाए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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