Symptoms of Schizophrenia: सिजोफ्रेनिया एक मेंटल डिजीज है. इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के सोचने, समझने के तरीके और व्यवहार में बदलाव आ जाता है. सिजोफ्रेनिया का मरीज़ बिना किसी वजह के हर बात व व्यक्ति पर शक करता और अपनी ही दुनिया में खोया रहता है. ऐसे लोगों को कुछ ऐसी आवाजें सुनाई देती है वास्तव में एग्ज़िस्ट ही नहीं करतीं. इसके अलावा जो लोग ​सिजोफ्रेनिया से पीड़ित होते हैं उन्हें हमेशा यही लगता रहता है कि कोई उनके खिलाफ साजिश कर रहा है या उन्हें गलत तरीके से फंसाने की कोशिश कर रहा है. हालांकि इस बीमारी के बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है.  चलिए आपको बताते हैं क्या है ​सिजोफ्रेनिया . क्या है इस बीमारी के लक्षण और इलाज.


 

क्या है सिजोफ्रेनिया 

​सिजोफ्रेनिया एक ग्रीक शब्द है, जिसका मतलब है 'विभाजित मन'. स्किज़ोफ्रेनिया एक मेंटल डिसऑर्डर है जो किसी व्यक्ति में मानसिक विकार का वर्णन करता है.  ​सिजोफ्रेनिया के कुछ मरीज़ एक तरह की काल्पनिक दुनिया या भ्रम की स्थिति में रहते हैं. उनका नज़रिया  वास्तविक दुनिया से अलग होता है. कई लोग इस बीमारी को विभाजित व्यक्तित्व मानते हैं जबकि यह एक अलग तरह का विकार है. ये लोग अपनी भावनाओं को ठीक से एक्सप्रेस नहीं कर पाते हैं. वे ज़िंदगी में रुचि खो देते हैं और किसी भी चीज़ को लेकर बहुत भावुक हो जाते हैं.

 

सिजोफ्रेनिया के कारण

कई रिसर्च में सामने आया है कि सिजोफ्रेनिया की बीमारी एनवायरमेंटल फैक्टर्स और कुछ न्यूरोलॉजिकल कंडीशन के अलावा हेरिडिटी की वजह से भी हो सकती है. अगर मां- पिता को सिजोफ्रेनिया के शिकार रहे हैं, तो बच्चे में यह बीमारी होने का खतरा 40% तक बढ़ जाता है. इसके अलावा अगर मां या पिता में से किसी एक को यह समस्या है, तो बच्चे में इसका खतरा 12% हो जाता है. 

 

इन वजहों से भी हो सकता है ​सिजोफ्रेनिया 




  • करियर

  • बदलती लाइफस्टाइल

  • जॉइंट फैमिलीज का टूटना 

  • पैसा कमाने की होड़

  • ज़िम्मेदारियां 



सिजोफ्रेनिया के लक्षण


  • भ्रम की स्थिति में रहना

  • अजीब चीजें महसूस करना

  • लाइफ के प्रति निराशा का भाव रखना

  • कई चीजें, व्यक्ति या कोई आकृतियां दिखना

  • भीड़ या सार्वजनिक जगहों में कार्यक्षमता खो देना

  • सुस्त रहना

  • लगातार मूड बदलना और अवसाद के लक्षण दिखना

  • ऐसी बातें करना जिनका रियलिटी से कोई संबंध नहीं


सिजोफ्रेनिया का इलाज

सिजोफ्रेनिया एक ऐसी बीमारी है जिसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन समय पर अगर इसे पहचान लिया जाए तो दवाओं और बिहेवियरल थेरेपी से इसे नियंत्रित जरूर किया जा सकता है. नशे और तनाव से दूर रहकर भी इस बीमारी से बहुत राहत पाई जा सकती है. इसका कोई सटीक मेडिकल टेस्ट नहीं है. इसलिए डॉक्टर्स मरीजों की केस हिस्ट्री, मानसिक स्थिति और लक्षणों का इवेलुएशन कर इलाज करते हैं. योग, मेडिटेशन और फैमिली सपोर्ट से भी इस बीमारी नियंत्रित करने में मदद करता है.

 

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