नई दिल्ली: दुनिया भर में लगभग 4.4 अरब लोग स्वच्छता से महरूम हैं, जबकि लगभग 2.1 अरब लोगों को घरों में साफ पानी तक नसीब नहीं होता. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और यूनिसेफ की नई रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है.



संयुक्त निगरानी कार्यक्रम की रिपोर्ट 'सुरक्षित तरीके से प्रबंधित' में पेयजल और स्वच्छता सेवाओं का पहला वैश्विक आकलन पेश किया गया. रिपोर्ट से यह निष्कर्ष निकला कि अधिकांश लोग अभी भी इसकी पहुंच से दूर हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों के लोग.

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेडरॉस अधानोम घेबरेयेसस ने कहा, "घरों में साफ पानी और सफाई केवल अमीरों या शहरों में रहने वाले लोगों तक ही सीमित नहीं होना चाहिए. ये मानव स्वास्थ्य के लिए कुछ सबसे आधारभूत जरूरतों में से है और हर देश को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह हर व्यक्ति को मिल सके.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कई घरों, स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों और स्कूलों में अभी भी हाथ धोने के लिए साबुन नहीं मिलता. इसके कारण सभी लोगों खासकर बच्चों को डायरिया जैसी बीमारियों का खतरा होता है.

भारत सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया है, जो अपने प्राथमिक उद्देश्यों के तहत गांवों और शहरों में खुले में शौच से मुक्ति दिलाने का काम रहा है. सरकार परिवारों को स्वच्छ शौचालय के निर्माण के लिए सहायता प्रदान कर रही है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आधारभूत स्वच्छता की दिशा में 90 देशों की प्रगति बेहद धीमी है, जिसका मतलब है कि वे साल 2030 तक यूनिवर्सल कवरेज के लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाएंगे.