Influenza Symptoms And Complication: सर्दियों का मौसम आते ही लोग कई तरह की बीमारियों से घिरने लग जाते हैं. इनमें इंफ्लूएंजा या फ्लू या कॉमन कोल्ड एंड कफ आम समस्या है. फ्लू जिसे कई लोग वायरल फीवर भी कहते हैं वो आपके लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है. इस सीजनल बीमारी में हल्की सर्दी, खांसी जुकाम होती है और बुखार आता है जो कुछ दिनों बाद ठीक हो जाता है. अगर ये ज्यादा दिनों तक ठीक न हुआ तो निमोनिया का रूप ले सकता है. कई बार ये ऑर्गन फेलियर का कारण भी बन सकता हैं. लोग इसे मौसमी बीमारी समझते हैं, लेकिन इसे सीरियसली लेना चाहिए. क्या पता कब ये बीमारी गंभीर समस्या में बदल जाये. आपको इस बीमारी के कुछ लक्षण बताते हैं ताकि आपको इन्हें पहचानने में ज्यादा दिक्कत न हो और आप समय पर सही कदम उठा सकें.
अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन की वेबसाइट के मुताबिक, वैसे तो इंफ्लूएंजा अधिकांश मामलों में चार से पांच दिनों से लेकर दो हफ्ते के अंदर ही ठीक हो जाता है, लेकिन, इस दौरान जब दिक्कतें बढ़ती हैं तो मरीज को निमोनिया भी हो सकता है. इसका असर बढ़ने पर, साइनस और इंफेक्शन भी हो सकता है. फ्लू के बाद निमोनिया बढ़ जाने पर हार्ट, ब्रेन और मसल्स में स्वेलिंग बढ़ने लगती है. हार्ट में मायोकार्डाइटिस (myocarditis), ब्रेन में एनसिफ़लाइटिस (Encephalitis) और मसल्स में मायोसाइटिस (myositis) हो जाता है. इनकी वजह से मल्टी ऑर्गेन फेल्योर होने का खतरा बढ़ जाता है और उसकी जान भी जा सकती है.
सीजनल फ्लू के लक्षण
- 3 से 4 तक दिनों तक बुखार
- बदन में तेज दर्द
- खांसी की समस्या
- छाती में कंजेशन
- नाक से पानी आना
- गले में खराश
- सिर दर्द
- उल्टी और डायरिया
किन लोगों को रहता है ज्यादा खतरा ?
फ्लू वैसे तो सभी उम्र के लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है, लेकिन 65 साल से ज्यादा के बुजुर्ग, अस्थमा, डायबिटीज, प्रेग्नेंट महिलाएं, हार्ट डिजीज, और 5 साल से कम उम्र के बच्चों का फ्लू का खतरा ज्यादा रहता है. इन लोगों में निमोनिया होने के चांसेस ज्यादा होते हैं.
क्या है इलाज ?
इसका सिंपल इलाज है पैरासिटामोल और सर्दी खांसी की गोली जो आप मेडिकल स्टोर से खरीद कर खा सकते हैं. अगर इसके बाद भी बुखार ठीक न हो तो डॉक्टर से कंसल्ट करें.
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