कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ने दी अपनी प्रतिक्रिया, कही ये बड़ी बात
भारत में कोविशील्ड सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) कंपनी ने बनाई थी. जो एस्ट्राजेनेका का ही फॉर्मूला है. यानि एस्ट्राजेनेका ने SII के साथ मिलकार भारत में कोविशील्ड वैक्सीन की सप्लाई की थी.
![कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ने दी अपनी प्रतिक्रिया, कही ये बड़ी बात Serum Institute says our transparency and safety we have disclosed all rare to very rare side effcts कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ने दी अपनी प्रतिक्रिया, कही ये बड़ी बात](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/05/08/baa260dfa4ce3f3efe8e67835e22c1d21715181111482593_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
ब्रिटेन की दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने जब कोर्ट में माना कि इस वैक्सीन के रेयर ऑफ द रेयरेस्ट साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. ठीक उसके बाद भारत में भी कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर बवाल मचा हुआ है. एस्ट्राजेनेका फार्मा कंपनी ने माना कि उनकी कोविशील्ड वैक्सीन के भी साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. जिसमें शरीर में खून के थक्के जमना और प्लेटेट काउंट्स गिरना या हार्ट अटैक का कारण बन सकता है.
भारत में सीरम कंपनी ने बनाई थी कोविशील्ड
एस्ट्राजेनेका और कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स पर अब सीरम इंस्टीट्यूट का भी बयान आया है. सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा है कि उनके सभी प्रोडक्ट पैकेजिंग में टीटीएस पर रेयर ऑफ द रेयरेस्ट साइड इफेक्ट्स का खुलासा पहले ही कर दिया गया था.
कंपनी ने कहा कि कोविशील्ड ने दुनियाभर में लोगों की जान बचाई है. बता दें कि पिछले दिनों एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन और थ्रोम्बोसिस के बीच थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ संबंध को स्वीकार किया है.
यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें असामान्य रूप से प्लेटलेट्स का लेवल नॉर्मल से कम होने लगता है और शरीर में खून के थक्के जमने लगता है.
साल 2021 दिसंबर से कोविशील्ड नहीं बनते हैं
सीरम इंस्टीट्यून ने कहा कि हम इन चिंताओं को पूरी तरह से समझते हैं. लेकिन हमारे लिए पारदर्शिता और सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है. हमने साल 2021 में पैकेजिंग इंसर्ट में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस सहित कई साइड इफेक्ट्स का खुलासा कर दिया था.
दुनिया के सबसे बड़ी वैक्सीन की कंपनी ने साफ कहा कि कोरोना के न्यू वेरिएंट्स के म्यूटेशन के कारण दिसंबर साल 2021 से ही हम कोविशील्ड बनाना बंद कर दिया है. जिसके कारण मार्केट में टीकों की मांग काफी कम हो गई थी. भारत में साल 2021 और 2022 में सबसे ज्यादा टीकाकरण हुए. इसके बाद कोरोना के न्यू वेरिएंट्स सामने आए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें- Eye Sight: हमेशा के लिए जा सकती थी राघव चड्ढा की आंखों की रोशनी, काम आई ये सर्जरी, जानें क्या है बीमारी
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)