कोरोनावायरल ने पूरी दुनिया एक सबक तो जरूर दिया कि इस मॉर्डन और भागदौड़ वाली लाइफस्टाइल में काम के साथ-साथ खुद को स्वस्थ्य रखना भी बेहद महत्वपूर्ण है. इस बीमारी ने लोगों को इस हद तक डरा दिया कि खुद को फिट रखने के लिए कुछ लोग जिम तो कुछ योग का सहारा लेते हैं. जो लोग अपनी हेल्थ को लेकर ज्यादा सजग रहते हैं वह सुबह जल्दी उठकर एक्सरसाइज या योग करते हैं और सही डाइट लेते हैं. योग करने से शरीर से जुड़ी बीमारी भी दूर रहती है. कई लोग हैं जिनकी जिंदगी में योग का एक विशेष महत्व है. कुछ लोगों के लिए योग सांस लेने जैसा है जिस तरीके से सांस लेना जरूरी है ठीक उसी तरह योग करना भी जरूरी है. कोरोना काल में देश-दुनिया ने योग के महत्व को समझा और अपनी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया. आज यानि 21 जून इंटरनैशनल योग दिवस के मौके पर बताएंगे कि आखिर कौन हैं ये योग गुरू जिनकी बदौलत विदेशों तक पहुंचा योग. आज आपको इन्ही योग गुरु के बारे में बताएंगे. 


बी. के. एस अयंगर


बी. के. एस अयंगर जो लोग योग सिखना चाहते हैं उन्हें पता है कि इस महान व्यक्ति ने योग के लिए क्या -क्या किया. इन्होंने अपने नाम से एक योग स्कूल खोला जिसके जरिए वह देश दुनिया में योग का प्रचार करने लगे. साथ ही साथ देश-दुनिया के लोगों को योग से जोड़ा भी. इन्होंने योग को लेकर एक किताब भी लिखी जिसका नाम है लाइट ऑन योग. बी.के. एस ने योग को पूरी दुनिया में अलग पहचान दिलाने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 


धीरेंद्र ब्रह्मचारी


इंदिरा गांधी के योग गुरु के रूप में हम धीरेंद्र ब्रह्मचारी को जानते हैं. दूरदर्शन के जरिए धीरेंद्र ब्रह्मचारी लोगों तक योग पहुंचाते थे. यही नहीं यही वह व्यक्ति हैं जिन्होंने दिल्ली के कई स्कूलों में योग को एक विषय के रूप में पढ़ाना शुरू करवाया था. इनका जम्मू कश्मिर में एक आश्रम है. यह हिंदी और अंग्रेजी भाषा में कई किताब लिख चुके हैं. इ्न्होंने किताबों के जरिए योग को बढ़ावा देने का काम किया है. 


तिरुमलाई कृष्णमचार्य


हठयोग और संन्यास को एक नया दिशा निर्देश देने का पूरा श्रेय तिरुमलाई कृष्णमचार्य को जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आधुनिक योग के पिता के रूप में तिरुमलाई कृष्णमचार्य को जाना जाता है. उन्हें इन सब के अलावा आयुर्वेद कि भी जानकारी थी. वह योग और आयुर्वेद के जरिए लोगों की मदद करते थे. 


परमहंस योगानंद


परमहंस योगानंद को योग का सबसे पहला गुरू माना जाता है. कहा जाता है कि उन्होंने ने ही लोगों को मेडिटेशन और योग से पहली बार परिचित करवाया था. परमहंस योगानंद अपना ज्यादा वक्त अमेरिका में गुजारते थे. इसके अलावा उनकी किताब ऑटोबायोग्राफी ऑफ अ योगी काफी मशहूर है. 


कृष्ण पट्टाभि जोइस


ऐसे गुरु जिन्होंने पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान छोड़ दी है. इस लिस्ट में कृष्ण पट्टाभि जोइस का नाम सबसे ऊपर आता है. उन्होंने अष्टांग विन्यास योग शैली को एक खास पहचान दिलाई. आपको जानकर हैरानी होगी कि उनके योग शैली को मानने वाले के लिस्ट में स्टिंग, मडोना और ग्वेनेथ पाल्ट्रो जैसे बड़े-बड़े नाम शुमार थे. वे काफी माने हुए गुरू थे. उनका जन्म 26 जुलाई 1915 को हुआ और 18 मई 2009 को निधन हो गया था.  


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