कड़ाके की ठंड बन गई जानलेवा, 7 दिनों के अंदर 98 लोगों की हार्ट अटैक से मौत..इस तरह से करें खुद का बचाव
कड़ाके की ठंड और जारी शीतलहर के बीच कानपुर में एक हफ्ते में हार्ट और ब्रेन अटैक से 98 लोगों की मौत हो चुकी है.जानिए क्यों हो रहा है ऐसा.कैसे करें इससे बचाव
Heart Attack In Winter: पूरे उत्तर भारत में सर्दी का सितम जारी है, ये सर्दी अब जानलेवा भी हो गई है. दरअसल उत्तर प्रदेश के कानपुर में हार्ट अटैक से हुई मौत के आंकड़ों ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. शहर के एसपीएस हार्ट इंस्टीट्यूट में 24 घंटे के भीतर 14 मरीजों की मौत हो गई. हैरानी की बात यह है कि कड़ाके की ठंड और जारी शीतलहर के बीच शहर में एक हफ्ते में हार्ट और ब्रेन अटैक से 98 लोगों की मौत हो चुकी है. ये आंकड़े एलपीएस इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी ने दिए हैं. कानपुर के लक्ष्मीपत सिंघानिया इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड कार्डियक सर्जरी द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अस्पताल के इमरजेंसी और आउट पेशेंट विभाग में गुरुवार को 723 दिल के मरीज आए.
अचानक हो रहे मौत पर कार्डियोलॉजिस्ट ने क्या कहा?
कार्डियोलॉजिस्ट के मुताबिक ठंड में अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने से नसों में खून का थक्का जम रहा है, जिससे हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक पड़ रहा है ठंड दिल और दिमाग दोनों पर ही भारी पड़ रहा है. डॉक्टर के मुताबिक शीतलहर में ठंड से बचाव करना जरूरी है. डॉक्टर के मुताबिक जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकले का नाक और सिर ढककर निकले 60 की उम्र के ऊपर लोगों को शीतलहर में बाहर न निकलने की सलाह दी गई है.डॉक्टर्स के मुताबिक ये हार्ट अटैक के मामले बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं है बल्कि नौजवान भी इसकी चपेट में आए हैं
खासतौर पर सर्दियों में दिल की बीमारियों से जूझ रहे लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसा माना जाता है कि ठंड का मौसम दिल को कई तरह से प्रभावित करता है. इसे ध्यान में रखते हुए, यह समझना महत्वपूर्ण है कि सर्द मौसम में हम अपने हृदय की रक्षा कैसे कर सकते हैं.
- डॉक्टर के मुताबिक ठंड की वजह से नसे सिकुड़ जाती है. कई लोगों के नसों में कोलेस्ट्रॉल की रुकावट पहले से होती है और जब फिर सर्दी में नसें सिकुड़ती है तो ये रुकावट 40 फ़ीसदी से बढ़कर 80 फ़ीसदी तक बढ़ जाती है. यह हार्टअटैक और ब्लड प्रेशर बढ़ने की सबसे बड़ी वजह है.
- इसके अलावा दिल का दौरा कोरोनरी धमनियों में रक्त के थक्के बनने के कारण होता है. यह देखा गया है कि सर्दियों के दौरान हमारे शरीर में फाइब्रिनोजेन का स्तर 23% तक बढ़ जाता है इसके अलावा प्लेटलेट काउंट भी बढ़ जाता है और इससे रक्त का थक्का बन सकता है ऐसे में दिल का दौरा पड़ सकता है
- इससे बचने के लिए सर्दियों में सूरज उगने से पहले बाहर की सैर से बचना चाहिए.डॉक्टर के मुताबिक सिर का सर्फेस बहुत बड़ा है इसलिए सिर से गर्मी के नुकसान की संभावना अधिक है. सर्दियों के दौरान बाहर निकलने से पहले अपने सिर को अच्छी तरह से ढकना जरूरी है.
- विटामिन डी की कमी उन कारकों में से एक है जो दिल के दौरे का कारण बन सकती है. लोगों को सर्दियों के मौसम में विटामिन डी लेना चाहिए. धूप से विटामिन डी नहीं मिल पा रहा है तो इसकी जगह सप्लीमेंट लेना चाहिए.
- कई परत के ऊनी कपड़ों से शरीर को गर्म बनाकर रखें, बिना जरूरत बाहर जाने से बचें. खासतौर पर सुबह के वक्त जब कोहरा घना हो और तापमान कम रहता है.घर में शारीरिक गतिविधि करें और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें अगर आप बीपी और हाइपरटेंशन की दवाई लेते हैं तो इसे समय पर लें.
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