अपने पेट्स को चूमना पड़ सकता है भारी! जरूर जान लें ये जरूरी बातें, वरना हो सकती हैं कई बीमारियां
अगर आपका मुंह स्वस्थ है तो आप अपने पालतू जानवर को चूम सकते हैं. लेकिन कुछ बातें हैं, जिनपर ध्यान देना बहुत जरूरी है.
कई लोग अपने पालतू जानवरों को बहुत प्यार करते हैं. उन्हें अपनी फैमिली के एक मेंबर की तरह रखते हैं. उन्हें अपने साथ सुलाते हैं, उनके साथ खेलते हैं, क्वालिटी टाइम स्पेंड करते हैं और भी न जाने क्या-क्या करते हैं. कुछ लोग तो ऐसे भी होते हैं, जो अपने पेट्स को प्यार से चूम तक लेते हैं. अब सवाल उठता है कि क्या अपने पालतू जानवर को चूमना या उनकी फ्लफी बॉडी के संपर्क में आना सेफ है? वैसे तो अपने पेट्स को चूमना कोई बड़ी बात नहीं है. अगर आपका मुंह स्वस्थ है तो आप अपने पालतू जानवर को चूम सकते हैं. लेकिन कुछ बातें हैं, जिनपर ध्यान देना बहुत जरूरी है. क्योंकि अगर आप इन बातों को इग्नोर कर देंगे तो हो सकता है कि आपको किसी गंभीर समस्या का सामना करना पड़े.
पशु चिकित्सा सलाहकार डॉ. जेफ वेबर का कहना है कि इंसानों और कुत्तों दोनों के मुंह में हजारों की संख्या में बैक्टीरिया होते हैं, जिन्हें हमारा शरीर संभाल सकता है. अगर पेट्स को चूमना खतरनाक होता तो हम लगातार बीमार पड़ रहे होते. लेकिन ऐसा नहीं होता. क्योंकि कुत्ते के मुंह में मौजूद बैक्टीरिया हमारे लिए आमतौर पर बीमारी पैदा करने वाले नहीं होते. हालांकि इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि कुत्ते को चूमना पूरी तरह से सेफ है.
पालतू जानवरों को कब नहीं चूमना चाहिए?
ओरेगॉन स्थित पशुचिकित्सक डॉ. मेगन कॉनराड कहती हैं कि कई लोग पुरानी कहावत को सही मानते हैं कि "आपके पालतू जानवर का मुंह टॉयलेट की सीट से ज्यादा साफ होता है". यह कहावत कई मामलों में गलत साबित हो सकती है. क्योंकि कई कुत्तों के दातों की स्वच्छता बहुत खराब होती है. ऐसे कुत्तों को चूमने से प्लाक बिल्डअप और मसूड़ों की बीमारी हो सकती है. इसके साथ ही साथ मुंह के बैक्टीरिया की भी तेजी से वृद्धि हो सकती है. यही वजह है कि कभी-भी दंत रोग से पीड़ित पालतू जानवरों को नहीं चूमना चाहिए.
इंसानों से पेट्स में भी जा सकती हैं बीमारियां!
ई-कोलाई, साल्मोनेला और स्टैफिलोकोकस जैसे कुछ ज्यादा संक्रामक बैक्टीरिया चिंता का सबब बनते हैं. इन सभी बैक्टीरिया की मौजूदगी आपके पालतू जानवर में हो सकती है, जिनके संपर्क में आने पर या तो गंभीर लक्षण दिखाई देंगे या तो कोई लक्षण दिखाई नहीं देंगे. रिंगवर्म या दाद एक ऐसा फंगल इन्फेक्शन है, जो आसानी से बिल्ली से इंसानों में फैल सकता है. सिर्फ इतना ही नहीं, इसानों से भी कुछ बीमारियां पालतू जानवरों में प्रवेश कर सकती हैं. साल 2021 में यूरोपियन कांग्रेस ऑफ क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज में पेश एक स्टडी में पाया गया है कि कोरोना वायरस इंसानों से पालतू जानवरों में प्रवेश कर सकता है, खासतौर से उन बिल्लियों में, जो बिस्तर पर अपने मालिक के साथ सोती हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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