भोजन के स्वाद को बेहतर बनाने के अलावा लहसुन का परंपरागत इस्तेमाल वर्षों से कई स्वास्थ्य फायदों के लिए किया जाता रहा है. उसका महत्व भारतीय, यूनानी, रोमन, चीनी और जापानी संस्कृति में आज भी बरकरार है. लहसुन में मजबूत गंध होने का कारण एलीसिन नामक एक केमिकल है. सर्दी के मौसम में या फ्लू होने पर लहसुन को औषधीय गुणों के तौर पर जाना जाता है. डायबिटीज, कोलेस्ट्रोल की समस्या, हाई ब्लड प्रेशर और प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में भी लहसुन खाने की सिफारिश की जाती है. लेकिन ये समझना जरूरी है कि उसका इस्तेमाल कब नहीं करना है.


हर शरीर का महत्व अलग-अलग है और कुछ लोगों को लहसुन के इस्तेमाल से एलर्जी हो सकती है. लहसुन खाने के कारण एलर्जी स्किन संक्रमण से लेकर छाती और आंत में गंभीर जलन तक हो सकती है. कई रिपोर्ट से पता चलता है कि लहसुन इस्तेमाल करने के बाद लोगों ने मुंह या पेट में जलन या मतली, उल्टी और डायरिया का अनुभव साझा किया. ये साइड-इफेक्ट्स प्रेगनेंट महिलाओं में ज्यादा आम रहे हैं. 


प्रेगनेन्सी में लहसुन का इस्तेमाल- प्रेगनेन्सी के दौरान स्वस्थ डाइट का पालन बच्चे और महिला दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है. प्रेगनेन्ट महिलाओं को संपूर्ण स्वस्थ डाइट, सब्जी और फल में अधिक और प्रोसेस्ड मीट्स और रिफाइन्ड कार्बोहाड्रेट्स में कम खाने की जरूरत होती है. उनको सावधानी बरतने के अलावा कुछ फूड से परहेज भी करना पड़ता है. सबसे ज्यादा भ्रमित करनेवाला एक सवाल होता है कि क्या उन्हें लहसुन खाना चाहिए या नहीं. लहसुन में फंगल विरोधी, बैक्टीरिया रोधी गुण पाए जाते हैं और उसमें मैग्नीज, पोटैशियम, आयरन, कैल्शियम और विटामिन सी अधिक मिलता है. बहुत सारे लोग वायरल रोधी गुण होने के चलते उसको अपनी डाइट में शामिल करते हैं. लेकिन लहसुन के औषधीय गुण क्या प्रेगनेन्ट महिलाओं की मदद करते हैं?


एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रेगनेन्सी में लहसुन का इस्तेमाल सुरक्षित है लेकिन प्रेगनेन्सी की पहली तिमाही के दौरान उसे खाना चाहिए. पहली तिमाही के दौरान उसे फायदेमंद समझा जाता है लेकिन दूसरी और तीसरी तिमाही में मात्रा को कम करने की सिफारिश की जाती है. प्रेगनेन्सी की पहली तिमाही के बाद सबसे अच्छा है इस जड़ी बूटी को अपनी नियमित डाइट में शामिल करने से पहले महिला स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह लें.


प्रेगनेन्सी में कितना लहसुन इस्तेमाल करें?
रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रेगनेन्ट महिलाएं लहसुन की 2-4 कलियां खा सकती हैं. अगर जूस के तौर पर उसका इस्तेमाल करना चाहती हैं, तो 600-1200 मिलिग्राम के बराबर मात्रा होना चाहिए. कच्चा लहसुन खाने से परहेज करने की सलाह दी जाती है क्योंकि प्रेगनेन्ट महिलाओं को उससे नुकसान हो सकता है. उसमें ब्लड को पतला करनेवाले गुण पाए जाते हैं, जो ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकते हैं. इसलिए, लहसुन के साथ हद पार करने से बचें. तीखा स्वाद और गंध के कारण लहसुन कुछ प्रेगनेन्ट महिलाओं के लिए गैर स्वादिष्ट हो सकता है और उन्हें मिचली भी आ सकती है.


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