पिछले कुछ सालों में ओरल कैंसर ने तेजी से पैर पसारा है. ओरल कैंसर का एक बहुत बड़ा कारण तंबाकू को कह सकते हैं. तंबाकू को चाहे सिगरेट, गुटका या खैनी के रूप में खाने से ओरल कैंसर हो सकता है. ओरल कैंसर से जान भी जा सकती है. लेकिन अगर इसके शुरुआती संकेत की पहचान कर ली गई तो इसका इलाज संभव है. लेकिन जरूरी है कि इसके शुरुआती लक्षणों को हमेशा ध्यान दिया जाए.
ओरल कैंसर के शुरुआती लक्षणों को इग्नोर न करें
किसी भी तरह का कैंसर होने से पहले प्री कैंसर का स्टेज होता है. जब कैंसर प्री स्टेज में होता है तो इलाज संभव है. ओरल कैंसर के मामले में शार्प टूथ या कोई ट्रॉमा या इंफेक्शन होता है. मुंह के अंदर कई तरह के इंफेक्शन दिखाई देने लगते हैं.
अगर मुंह में अल्सर है तो 2-3 हफ्ते में आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए. नहीं तो यह कभी भी कैंसर का रूप ले सकता है. जीभ, जबड़े या मुंह के अंदर अगर कोई घाव है तो वह कैंसर का रूप ले सकता है. इसके अलावा मुंह के अंदर के कलर में बदलाव हो सकता है. आमतौर पर इसका रंग पिंक कलर का होता है. लेकिन अगर व्हाइट या रेड पैच का दिख रहा है तो यह कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. गले में कहीं गांठ दिखाई दे तो इसका इलाज जरूर करवाएं.
मुंह के अंदर किसी भी तरह का घाव है तो बायोप्सी जरूर करवाएं
मुंह के अंदर किसी तरह का घाव हो गया है तो दो से तीन हफ्ते में उसका इलाज जरूर करवाएं. या बायोप्सी करवाएं. इसी के जरिए कैंसर को डिटेक्ट किया जा सकता है. इसके अलावा सलाइवा टेस्ट जरूर करवाएं. लेकिन कैंसर को डिटेक्ट करने के लिए बायोप्सी टेस्ट सबसे सही है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें: वो कौन-कौन सी बीमारी हैं जिसमें होम्योपैथी की दवा इतनी असरदार होती है जितनी एलोपैथी की भी नहीं